‘डॉन’ क्यों ‘मौन’ …किसान आंदोलन पर दुनिया मुखरित, दमदार आवाज गुम

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मुंबई. आवाज के धनी अभिनेता अमिताभ बच्चन का मौन अखरता है। जब वे मुश्किल में होते हैं, तो देश दुआएं करने लगता है, मगर जब देश मुश्किल में है, तो उनकी दुआ सामने नहीं आ रही है। यह कोई आरोप नहीं, सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का कुल नतीजा है।

दरअसल, केंद्र सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 2 महीने से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं। हाल में रिहाना, मिया खलीफा, मीना हैरिस और ग्रेटा थनबर्ग जैसे इंटरनैशनल सिलेब्रिटीज के किसान आंदोलन के सपोर्ट में ट्वीट किए जाने के बाद आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बयानबाजी की जा रही है।

अभिनेता अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, अजय देवगन, कंगना रनौत, लता मंगेशकर, सचिन तेंडुलकर जैसे लोगों ने सरकार के सपोर्ट में ट्वीट किए हैं और इसे भारत का आंतरिक मसला बताया है, लेकिन अमिताभ बच्चन ने कोई ट्वीट नहीं किया है। उन्होंने घुमा-फिरा कर जरूर एक ट्वीट किया है, पर उससे यह नहीं पता चलता कि वे किधर हैं।

अमिताभ बच्चन ने ट्वीट में लिखा, ‘तर्क का जवाब तो तर्क में दिया जा सकता है, पर विश्वास का जवाब तर्क के पास नहीं है।’ यह बात लोगों को समझ में नहीं आ रही है। लोग अपने-अपने अंदाज से इसका अर्थ निकाल रहे हैं और ऐस लग रहा है कि वे ‘हॉट सीट’ पर बैठकर बिग बी के चेहरे को पढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ का ऐसा भी मानना है कि अमिताभ दबे शब्दों में सरकार का सपोर्ट कर रहे हैं।

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