गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर ट्वीट करने के मामले कांग्रेस सांसद शशि थरूर सहित कई वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाप दिल्ली तथा हरियाणा में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अब इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कोर्ट से खुद के खिलाफ दर्ज मामलों को रद्द करने की मांग की है।
थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा, परेश नाथ, आनंद नाथ और विनोद के जोस सहित कई वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ देशद्रोह, शत्रुता को बढ़ावा देने और आपराधिक साजिश रचने के आरोपों में मामले दर्ज किए गए हैं। इन लोगों ने कोर्ट में दायर याचिका कहा है कि एफआईआर दर्ज कर अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार तथा अनुच्छेद 19 के तहत बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया गया है।
आपको बता दें कि पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक इन लोगों ने नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा को लेकर गलत रिपोर्टिंग की और गलत सूचना फैलाई। बंदूक की गोली के कारण कथित रूप से एक किसान की मौत को गलत तरीके से दिखाने के लिए, इंडिया टुडे टीवी समूह ने सरदेसाई को दो सप्ताह तक ऑफ एयर कर दिया। सरदेसाई टीवी टुडे समूर में सलाहकार संपादक और एंकर के रूप में काम करते हैं।