विपक्ष के हंगामे के मद्देनजर सरकार किसानों के मुद्दे पर संसद के बजट सत्र चर्चा के लिए राजी हो गई है। इसके लिए राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चल रही चर्चा में से अतिरिक्त समय को एडजस्ट किया जाएगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पहले इस पर 10 घंटे चर्चा होनी थी, लेकिन अब बुधवार और गुरुवार के प्रश्नकाल-शून्यकाल को मिलाकर कुल 15 घंटे चर्चा होगी। किसानों के मुद्दे पर 18 विपक्षी दलों को बात रखने का भी मौका मिलेगा।
कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने आज राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत की और किसानों के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए और अच्छा यह होगा कि इसका ऐलान खुद प्रधानमंत्री उन्होंने कहा कि किसानों का संघर्ष अंग्रेजों के जमाने से होता आ रहा है और अंग्रेजों को भी किसानों के आगे झुकना पड़ा था। अंग्रेजों को भी किसान विरोधी कानून वापस लेने पड़े थे।“
राज्यसभा चर्चा के दौरान आजाद ने कहा कि अंग्रेज हुकूमत ने 1906 में किसानों के खिलाफ तीन कानून बनाए थे और उनका मालिकाना हक ले लिया था। इसके विरोध में 1907 में सरदार भगत सिंह के भाई अजीत सिंह के नेतृत्व में पंजाब में आंदोलन हुआ और उसे लाला लाजपत राय का भी समर्थन मिला था। उन्होंने बताया कि उस समय एक अखबार के संपादक बांके दयाल ने पगड़ी संभाल जट्टा, पगड़ी संभाल वे कविता लिखी जो बाद में क्रांतिकारी गीत बन गया। किसानों के आंदोलनों के आगे अंग्रेजों को झुकना पड़ा था तथा कानून में कुछ बदलाव करने पड़े थे। अंग्रेजों के इस कदम से लोग और भड़क गए, जिसके कारण बाद में अंग्रेजों ने तीनों कानूनों को वापस लिया।
चर्चा के दौरान आजाद ने कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर तथा कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने का मुद्दा उठाया तथा सरकार पर जोरदार हमला बोला। आजाद ने इसे तुरंत वापस लिए जाने की मांग की। उन्होंने सवाल किया कि जो व्यक्ति देश का विदेश राज्य मंत्री रहा हो, वह देशद्रोही कैसे हो सकता है?
उधर, राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार को जैसे ही शुरू हुई तो आम आदमी पार्टी के सांसदों संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और एनडी गुप्ता ने किसानों के मुद्दे पर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए जब सहमति बन चुकी है, तो सदन की कार्यवाही में खलल क्यों पैदा कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि आप लोग ऐसी स्थिति न बनाएं कि मुझे मार्शलों को बुलाकर आपको बाहर करना पड़े। इसके बाद भी आप के तीनों सांसद नारेबाजी करते रहे, तो नायडू ने उन्हें दिनभर की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।
सदन में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए नायडू ने कहा कि कुछ सदस्य अपने चैंबर से मोबाइल के जरिए सदन की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग करते देखे गए हैं। यह संसदीय मर्यादा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही को रिकॉर्ड करना और उसे सोशल मीडिया पर शेयर करना सदन की अवमानना का मामला हो सकता है।
बुधवार को राज्यसभा में बहस शुरू होने से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर तंज कसते हुए एक पोस्ट डाला और लिखा कि इतने सारे तानाशाहों के नाम एम से ही क्यों शुरू होते हैं?
Why do so many dictators have names that begin with M ?
Marcos
Mussolini
Milošević
Mubarak
Mobutu
Musharraf
Micombero— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 3, 2021