नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट पेश किया। इसमें सरकार ने देश में बुनियादी अवसंरचना के सृजन के जरिए आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये वित्त वर्ष 2021-22 में पूंजीगत व्यय को 34.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बजट को लेकर आरोप लगाया कि सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई। ट्विटर के माध्यम से सरकार पर निशाना साधते हुए, राहुल गांधी ने कहा कि “पूंजीपतियों को देश की संपत्ति सौंपने के लिए भारत सरकार की यह परिचालन रणनीति।”
इसके 3 बड़े असर इस प्रकार होंगे-
-सार्वजनिक उपक्रमों को वित्तीय रूप से अस्थिर बनाना।
– मीडिया अभियान के तहत, यह कहना कि यह अक्षम्य है, इसे पूंजीपतियों को दिया जाना चाहिए।
– बंद पूंजीपतियों को दान के रूप में बेचा जाना।
ट्विटर पर इन्होंने लोगों को सचेत करते हुए आह्वान किया कि आइए हम लोकतंत्र में एकजुट हों और अपनी आवाज बुलंद करें लोकतंत्र की रक्षा के लिए। ” उन्होंने इसके लिए एक हैशटैग #SpeakUpForDemocracy का भी इस्तेमाल किया। एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘भारत का लोकतंत्र संविधान के आधार पर लोगों की आवाज के साथ चलेगा। भाजपा को बरगलाने की साजिश से देश की जनता लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करेगी।
दूसरी तरफ, उच्च सदन में तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने दावा किया कि बजट में आम आदमी और किसानों की अनदेखी की गयी है और यह अमीरों को और धनवान तथा निर्धन को और गरीब बनायेगा। मध्यम वर्ग को इसमें कुछ भी नहीं मिला है। निर्मला सीतारमण द्वारा पेश इस बजट को लेकर कहा कि इस बजट की थीम ‘सेल इंडिया’(भारत को बेचना) है। भारत का पहला कागजरहित बजट शत-प्रतिशत दूरदर्शिता रहित बजट भी है। इस फर्जी बजट की थीम भारत को बेचना है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में इस वर्ष अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं, इसलिए केंद्र सरकार की नजर पश्चिम बंगाल पर है, तो राज्य में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत सरकार को हर बात में आड़े हाथ ले रही है। केंद्र सरकार और उसकी नीतियों को जनविरोधी और पूरी तरह से विफल करार दे रही है। बजट को जहां भाजपा ने दूरदर्शी बताया, वहीं तृणमूल कांग्रेस ने कहा-इसमें कोई रास्ता आम लोगों के लिए नहीं दिखता। बड़े लोगों की ही बात है, बड़े लोग ही फायदा उठाएंगे। डेरेक ने पश्चिम बंगाल में ग्रामीण सड़कों के निर्माण के आंकड़े देते हुए कहा, ‘ग्रामीण सड़कें : वर्ष 2011 तक 39,705 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें थीं, वर्ष 2011-20 के बीच 88,841 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ने इसे पहले ही कर दिया, केंद्र सरकार तो आज केवल बातें कर रही है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव का घमासान छिड़ चुका है। ममता बनर्जी को भाजपा चौतरफा घेर रही है। लाजिमी है कि चुनावी लालीपॉप बंगाल के लोगों को दिया ही जाता और मोदी की सरकार ने भी वही किया है। भाजपा की हर बात की काट के लिए तैयार तृणमूल कांग्रेस ने इस बार वही किया है। बजट को आम लोगों का विरोधी बताकर वह उन्बें भाजपा से भाजपा को किनारे करना चाहती है।