दिल्ली हिंसा… ग्रामीणों ने किया किसानों का विरोध, तो किसान आंदोलन पर डटे

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Kisan Andolan Live Courtesy of ANI

नई दिल्ली. दिल्ली हिंसा त्रिकोणात्मक मोड़ पर पहुंच गई है। पुलिस पूरी तरह एक्शन में है। वह एक तरफ, हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर रही है, तो वहीं गांव वाले किसानों को साथ देने से इनकार कर रहे हैं और उन्हें वहां से हटने को कह रहे हैं। वहीं, किसान आंदोलन पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि तीनों कृषि कानून रद्द कराए बगैर वह वहां से टस से मस नहीं होने वाले।

इस बीच, दिल्ली हिंसा के संबंध में राजद्रोह का मामला दर्ज किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए(राजद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ, दिल्ली और हरियाणा के बीच, सिंघु बॉर्डर पर आसपास के गांवों में रहने वालों ने मांग की है कि प्रदर्शनकारी किसान अब सिंघु बॉर्डर खाली कर दें। उनका कहना है कि वे लाल किले पर हुई हिंसक घटना से बेहद आहत हैं। हम तिरंगे का अपमान नहीं सहेंगे। काफी वक्त हो गया, अब सिंघु बॉर्डर खाली होना चाहिए, हमें इस दौरान बहुत दिक्कत हुई है। गांव वालों की बातों को गंभीरता से लेने के बाद पुलिस सिंघु बॉर्डर पर सड़क के एक हिस्से पर बैरिकेड्स लगाना चाह रही है, लेकिन प्रदर्शनकारी इसका विरोध कर रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में अभिनेता दीप सिद्धू और ‘गैंगस्टर’से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना के नाम भी शामिल किया है।एक और खबर के अुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक लाल किला 27 जनवरी से 31 जनवरी तक आगंतुकों के लिए बंद रहेगा।

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