आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हमें आत्मनिर्भर होना होगा। जनरल नरवणे ने कहा कि देश की रक्षा जरूरतों के लिए हमें रणनीतिक तौर पर आत्मनिर्भर होना होगा।
आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि हमारे दुश्मन जिस तरह डिफेंस मॉर्डनाइजेशन तेजी से कर रहे हैं उस हिसाब से स्पीड में हम थोड़ा पीछे छूट रहे हैं। ‘आर्मी- इंडस्ट्री पार्टिनरशिप के 25 साल’ के वेबिनार में आर्मी चीफ ने कहा कि इसकी वजह है हम आर्म्ड फोर्स के उपकरणों के लिए विदेशी उपकरणों पर निर्भर हैं, इससे छुटकारा पाने के लिए हमें आत्मनिर्भर होना होगा।
आर्मी चीफ ने कहा कि देश के सामने दो चुनौतिया हैं। कोरोना संक्रमण और पड़ोसी देशों की नापाक साजिश। हम इसका डटकर मुकाबला कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल में ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर पड़ा है। जरूरी चीजों का आयात-निर्यात भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में इनके निर्माण के लिए हमें खुद पर भरोसा करना होगा।
इसके साथ ही आर्मी चीफ ने कहा कि हमें यह ध्यान रखना होगा कि आधुनिक और खास टेक्नॉलजी और मैन्युफैक्चरिंग में क्षमता की कमी की वजह से सिर्फ स्वदेशी डिवेलपमेंट से ही मौजूदा ऑपरेशनल गैप यानी जरूरतों की भरपाई नहीं हो सकती। इसलिए कुछ पर्सेंट इंपोर्ट की जरूरत रहेगी। जब दुश्मन एकदम दरवाजे पर हो उस वक्त कोई भी ऑपरेशनल कमी का रिस्क नहीं ले सकता।
पिछले कुछ सालों में स्वदेशी पर फोकस कर इसे बदलने की कोशिश की गई है। आर्मी चीफ ने कहा कि हम स्वदेशी उपकरण और वेपन सिस्टम लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि किसी भी आर्मी के लिए इससे ज्यादा उत्साहवर्धक कुछ नहीं हो सकता कि वह स्वदेशी तकनीक और हथियारों से युद्ध लड़े और जीते।