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तीन नए कृषि कानूनों पर गतिरोध समाप्त करने को लेकर सरकार और किसानों के बीच अब 20 जनवरी यानी बुधवार को बातचीत होगी। पहले यह बैठक आज होने वाली थी, लेकिन कृषि मंत्रालय ने सोमवार को देर रात लगभग साढ़े 10 बजे बैठक के एक दिन के लिए टालने की जानकारी दी।

आपको बता दें कि सरकार तथा किसानों के बीच इस मुद्दे पर 10 दौर की वार्ता हो चुकी है। इनमें से नौ बैठक बेनतीजा रही है। प्रदर्शनकारी किसान कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं, जबकि सरकार इन कानूनों में सुधार करने को तैयार है, लेकिन रद्द करने पर राजी नहीं है।  सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के अमल पर फिलहाल रोक लगा दी है, इसलिए अब कानून वापसी के अलावा बताएं कि किसान क्या चाहते हैं?

प्रदर्शनकारी किसान 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालना चाहते हैं। इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि किसानों को दिल्ली में एंट्री दी जाए या नहीं, यह पुलिस तय करेगी। क्योंकि, यह कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला है। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि इस मामले को डील करने के लिए आपके पास पूरा अधिकार है, लेकिन हम यह नहीं कह रहे कि आपको क्या करना चाहिए। अब इस मामले की सुनवाई 20 जनवरी को करेंगे।

ट्रैक्टर मार्च को लेकर क्या हैं दिल्ली पुलिस के तर्क ?

  • दिल्ली पुलिस का कहना है कि ऐसी कोई भी रैली या विरोध-प्रदर्शन जो गणतंत्र दिवस समारोह में खलल डालने की कोशिश करता है, वह देश को शर्मिंदा करने वाला होगा।
  • दिल्ली पुलिस के अनुसार दुनियाभर में देश की बदनामी होगी। कानून-व्यवस्था खराब हो सकती है।
  • पुलिस ने विभिन्न रिपोर्ट्स का हवाला देकर कहा है कि कई किसान गणतंत्र दिवस की परेड में खलल डालने के लिए लाल किले तक पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं।

क्या कह रहे हैं किसान नेता?

  • वहीं किसान संगठनों के नेताओं का कहना है कि वे 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर तिरंगे के साथ निकालेंगे।
  • किसान संगठनों के नेताओं के मुताबिक गणतंत्र दिवस समारोह में कोई रुकावट नहीं डाली जाएगी।

 

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