ब्रिस्बेन में खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के आखिरी और निर्णायक मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम को पहली पारी में 33 रनों की बढ़त हासिल हुई। मैच के तीसरे दिन टीम इंडिया 336 रन बनाकर ऑलआउट हो गई।
ब्रिस्बेन टेस्ट में टीम इंडिया ने 186 रन पर छह विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद शार्दूल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने मोर्चा संभाला तथा रिकॉर्ड साझेदारी कर भारतीय टीम को संकट से उबारा। दोनों बल्लेबाजों ने 7वें विकेट के लिए 217 गेंदों पर 123 रन की साझेदारी की।गत दो वर्षों में 7वें विकेट के लिए 50 से ज्यादा रन की भारत की पहली साझेदारी है। इससे पहले जनवरी, 2019 में ऋषभ पंत और रविंद्र जडेजा ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड 7वें विकेट के लिए 204 रन की साझेदारी की थी।
इस दौरान शार्दूल ने सिक्स लगाकर अपने टेस्ट करियर की पहली फिफ्टी पूरी की। यह उनका टेस्ट में हाईएस्ट स्कोर है। इससे पहले उनका हाईएस्ट स्कोर 4 रन था। वहीं, सुंदर ने भी अपने डेब्यू टेस्ट में फिफ्टी लगाई। ब्रिस्बेन में 20 साल बाद पहली बार आठवें नंबर पर या इससे निचले क्रम के बल्लेबाज अर्धशतक जड़ा है। इससे पहले मनोज प्रभाकर यह कारनामा किया था। वहीं 1991 में पाकिस्तान के मोइन खान ने ब्रिस्बेन के वाका ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 61 रन की पारी खेली थी।
इसके साथ ही सुंदर डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में 50 से ज्यादा रन बनाने वाले तथा तीन विकेट लेने वाले भारत के दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं। सुंदर से पहले यह रिकॉर्ड दत्तू फाडकर के नाम था। फाडकर ने 1947/48 में डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में 51 रन बनाए थे और तीन विकेट झटके थे।
ब्रिस्बने टेस्ट टीम इंडिया ने एक और रिकॉर्ड बनाया। 1982 के बाद पहली बार भारत के 7वें और 8वें नंबर के बल्लेबाज ने टेस्ट की एक पारी में अर्ध शतक जड़ा। इससे पहले 1982 में संदीप पाटिल ने नाबाद 129 और कपिल देव ने 65 रन ने मैनचेस्टर में एक ही पारी में खेली थी।