रो पड़े मोदी, कहा- पैरों में छाले, मंजिलें कोसों दूर, हमने भी देखी है वह भयावह तस्वीरें

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प्रखर खबर. नई दिल्ली
दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का आगाज हो गया। वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी कोरोनाकाल के उन मुश्किल दिनों को याद कर सुबक पड़े। कहा-देश को याद है मुश्किलों भरा वह क्षण। नंगे पांव सड़कों पर हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा। पैरों में छाले, मंजिल कोसों दूर। कितने लोग क्रूर समय में कालकवलित हुए। बावजूद इसके इस महामारी से जिस प्रकार से देश ने मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है।

भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए। 30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था। 17 जनवरी, 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी। भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था, जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। कोरोना संक्रमण के बाद चीन ने अपने नागरिकों को छोड़ दिया था हम अपने नागरिकों को लेकर आएं।

हमने देश को मझधार में नहीं छोड़ा। अनेक विपक्षी बोल निकले। भाषाओं की मर्यादाएं तक लांघी गईं, लेकिन हम काम में लगे रहे। हमारा मिशन एक ही था-देश को कोरोना से मुक्ति मिले। और वह दिन आखिर आ गया। केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा। पीएम मोदी ने कहा कि एक देश में जब भारतीयों को टेस्ट करने के लिए मशीनें कम पड़ रहीं थीं तो भारत ने पूरी लैब भेज दी थी, ताकि वहां से भारत आ रहे लोगों को टेस्टिंग की दिक्कत न हो।

कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है। इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखा। हर हिंदुस्तानी इस बात का गर्व करेगा की दुनिया भर के करीब 60% बच्चों को जो जीवन रक्षक टीके लगते हैं, वो भारत में ही बनते हैं। भारत की सख्त वैज्ञानिक प्रक्रियाओं से होकर ही गुजरते हैं।
पीएम ने कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है। जिसे सबसे ज्यादा जरूरी है, उसे सबसे पहले कोरोना वैक्सीन लगेगी। कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी।

पीएम मोदी ने कहा कि आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं लेकिन इतने कम समय में एक नहीं दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। कई और वैक्सीन पर भी तेज़ गति से काम चल रहा है, ये भारत के सामर्थ्य, वैज्ञानिक दक्षता और टैलेंट का जीता-जागता सबूत है। कोविड-19 महामारी, वैक्सीनेशन की शुरुआत और कोविन सॉफ्टवेयर के संबंध सवालों के जवाब के लिए एक कॉल सेंटर-1075 भी बनाया गया है। सारे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वैक्सीनेशन शुरू हो गया है।

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