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कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश में आज से वैक्सीनेशन (Compensation)  की शुरुआत हो रही है। इसके पहले चरण में सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों तथा फ्रंट लाइन वॉरियर्स को टीके लगाए जाएंगे। पहले चरण में टीके मुफ्त में लगाए जाएंगे तथा अभी वैक्सीन 18 साल से अधिक के उम्र के लोगों को ही लगाई जाएगी। इसके लिए कोविन (Co-WIN) सॉफ्टवेयर से मोबाइल पर मेसेज भेजा जाएगा। वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। इलेक्शन कमीशन और अन्य डेटा से सरकार खुद लाभार्थियों को चयनित करेगी। इसके तीसरे चरण में 50 साल से अधिक आयु तथा गंभीर बीमारी से ग्रसित 50 साल से कम उम्र के लोगों को टीके लगाए जाएंगे।

केंद्र सरकार ने कहा है कि जिन दो वैक्सीनों के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी प्रदान की गई है, कोई भी गंभीर साइड इफेक्ट्स सामने नहीं आए हैं। सरकार के मुताबिक इनसे हल्का बुखार, सिरदर्द या बदन दर्द आदि हो सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया है कि ऐसे मामूली लक्षण किसी भी वैक्सीन को लगाने पर हो सकते हैं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। कंपनी की ओर से जारी फैक्टशीट में भी दावा किया है गया है कि महज 10 फीसदी लोगों में ऐसी परेशानी आ सकती है, जो सामान्य है। वैक्सीन लगाने के बाद आधा घंटा तक सेंटर पर ही रहना होगा। किसी तरह के साइड इफेक्ट्स से निपटने के लिए अलग से सेंटर बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर सरकार के प्रोटोकॉल के हिसाब से वहां जरूरी इलाज दिया जाएगा। वैक्सीन का साइड इफेक्ट की जानकारी 1800 1200124 (24×7) नंबर पर दी जा सकती है।

कोविड-19 की कोवैक्सीन (Covaxin) बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कहा है कि वैक्सीन लगने पर किसी भी तरह का गंभीर प्रभाव सामने आने पर मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। हालांकि इसके लिए यह साबित होना जरूरी है कि साइड इफेक्ट वैक्सीन लगाने के कारण ही हुआ है। इसके लिए वैक्सीनेशन सेंटर्स पर उपलब्ध सहमति पत्र (Consent Letter) उपलब्ध कराया गया है, जिसमें मुआवजे (Compensation) का प्रमुखता से उल्लेख किया गया है। वैक्सीन का गंभीर साइ़ड इफेक्ट्स होने पर सरकार की तरफ से चिह्नित और ऑथोराइज्ड सेंटर्स व अस्पताल में इलाज करवाया जाएगा।

कोरोना की वैक्सीन अभी बाजार में नहीं आई है। सरकार की ओर से इजाजत मिलने के बाद यह वैक्सीन भारतीय  बाजार में वैक्सीन आएगी। इस प्रक्रिया में  दो से तीन माह या इससे अधिक भी समय लग सकता है। मौजूदा समय में वैक्सीन का ट्रायल 18 साल से अधिक आयु के लोगों पर ही किया गया है। ऐसे में बच्चों को अभी टीका लगाए जाने की उम्मीद नहीं है। वैक्सीन के दो डोज दिए जाएंगे। पहले डोज के 28 दिन बाद इसकी दूसरी डोज दी जाएगी।  वैक्सीन की निर्माता कंपनी पुणे की सीरम इंस्टिट्यूट (SII) ने चार से छह सप्ताह में दूसरा डोज लेने की समय सीमा तय की है।

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