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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग अब अंतिम दौर में है. दुनिया के कई देशों में लोगों को टीका लगाया जा रहा है. लेकिन अब जो खबर आई है वो बेहद डराने वाली है. क्योंकि कोरोना वैक्सीन लगने के बाद कई लोगों के मरने का मामला सामना आया है. ये मौतें दुनिया की सबसे बेहतरीन कही जाने वाली कोरोना वैक्सीन फाईजर से हुई है. ऐसे में फाइजर पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. ये मामला नॉर्वे का है जहां फाइजर वैक्सीन के साइड इफेक्ट के बाद 13 लोगों की मौत हो चुकी है.

बता दें कि नए साल से 4 दिन पहले नॉर्वे में फाइजर वैक्सीन लगाने की शुरुआत हुई थी और 67 साल के सविन एंडरसन को पहला टीका लगाया गया था. इसके बाद से अब तक 33 हजार लोगों को टीका लगाया जा चुका है. वैक्सीनेशन के शुरुआत के साथ ही घोषणा कर दी गई थी कि कुछ लोगों को साइड इफेक्ट होंगे.

रूसी समाचार एजेंसी स्‍पूतनिक की रिपोर्ट के अनुसार नॉर्वेजियन मेडिसिन एजेंसी ने कहा है कि 29 लोगों में साइड इफेक्‍ट देखे गए हैं, जबकि टीका लगाने के बाद से अब तक 23 लोगों की मौत को वैक्सीनेशन से जोड़कर देख जा रहा है. हालांकि अब तक इनमें से केवल 13 मरीजों की ही जांच की गई है. एजेंसी के मेडिकल डायरेक्‍टर स्‍टेइनार मैडसेन ने देश के राष्‍ट्रीय प्रसारक एनआरके से बातचीत में कहा, ’13 मौतों में नौ गंभीर साइड इफेक्‍ट के मामले हैं.’

स्‍टेइनार मैडसेन ने कहा, ‘जांच में पता चला है कि जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से ज्यादातर कमजोर या बुजुर्ग थे, जो नर्सिंग होम में रहते थे. मृतकों की उम्र 80 साल से ज्यादा है और उनमें कुछ 90 साल से अधिक भी हैं.’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि इनमें से कुछ लोगों को वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार और बेचैनी का सामना करना पड़ा होगा. इसके बाद वे गंभीर रूप से बीमार हो गए और फिर उनकी मौत हो गई.’

वहीं मैडसेन ने जोर देकर कहा, ‘ये मामले दुर्लभ हैं और हजारों लोगों को बिना किसी घातक परिणाम के टीका लगाया जा चुका है. इसका मतलब है कि जिन लोगों की मौत हुई है, वे हृदय से संबंधित बीमारी, ड‍िमेन्सिया और कई अन्‍य गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे.’ उन्‍होंने आगे कहा, ‘प्राधिकरण अब तक पुष्टि किए गए साइड इफेक्ट के मामलों से चिंतित नहीं है. यह स्‍पष्‍ट है कि वैक्‍सीन का कुछ बीमार लोगों को छोड़कर बहुत कम खतरा है.’

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