जकार्ता. ऑनलाइन टीम
भौगोलिक तौर पर इंडोनेशिया भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट के प्रति संवेदनशील है। भौगोलिक स्थिति के कारण यहां भूकंप का खतरा हरदम बना रहता रहता है।
गुरुवार आधी रात के बाद यहां के सुलावेसी द्वीप पर तेज भूकंप से दहशत मच गई। रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई। इस भूकंप का केन्द्र पश्चिम सुलावेसी प्रांत के मामुजु जिले में 18 किलोमीटर की गहराई में था। हादसे में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और 600 अन्य लोग घायल हुए हैं। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है। भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसका असर यहां से करीब 900 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित द्वीप के सबसे बड़े शहर माकासर तक महसूस किया गया। भूकंप के बाद हुए भूस्खलन की वजह से हजारों लोगों को रात के अंधेरे में अपना घर छोड़ना पड़ा।
अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया कि वहां 300 घर बर्बाद हो गए हैं और 15 हजार लोगों को आश्रयों में शरण लेनी पड़ी है। टीवी चैनलों की खबर के अनुसार भूकम्प से एक अस्पताल का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और मरीजों को बाहर अस्थायी आपात तंबुओं में पहुंचाया गया। राष्ट्रीय आपदा शमन एजेंसी की ओर से जारी की गई एक वीडियो में एक बच्ची एक घर के मलबे में फंसी और मदद की गुहार लगाती नजर आ रही है। बच्ची यह भी कहती दिखी कि उसकी मां जिंदा है, लेकिन बाहर नहीं निकल पा रही। बचावकर्मियों ने उससे कहा कि वह उसकी मदद करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। दिसंबर 2004 में पश्चिमी इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके कारण आई सूनामी के कारण हिंद महासागर क्षेत्र के कई देशों में 2,20,000 लोग मारे गए थे।