अमेरिकी के पहले ऐसे राष्ट्रपति, जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग प्रस्ताव पारित हुआ
प्रखर खबर. वाशिंगटन
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन 20 जनवरी को कार्यभार संभालेंगे। ताजा स्थिति को देखते हुए करीब एक सप्ताह पहले से ही वाशिंगटन डीसी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) में पिछले सप्ताह हुई हिंसा के बाद एफबीआई ने आगाह किया है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यभार संभालने के कुछ दिन पहले वाशिंगटन और सभी 50 राज्यों की राजधानियों में संसद भवनों पर ट्रंप समर्थकों के हथियारबंद प्रदर्शनों की योजना बनाई गई है।

दूसरी तरफ, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार महाभियोग प्रस्ताव पारित हो गया है। खास बात यह है कि इस बार 10 सांसद उनके खिलाफ खड़े हो गए हैं। इस घटना के बाद डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के इतिहास में ऐसे पहले राष्ट्रपति बन गए हैं, जिनके खिलाफ एक ही कार्यकाल में दो बार महाभियोग प्रस्ताव पारित हुआ है। 197 के मुकाबले 232 वोटों से महाभियोग प्रस्ताव पारित हो गया। 10 रिपब्लिकन सांसदों ने भी महाभियोग के पक्ष में वोट दिया। अब सीनेट में 19 जनवरी को ये प्रस्ताव लाया जाएगा।

बेशक डोनाल्ड ट्रंप चार साल तक सबसे पुराने लोकतंत्र, सर्वशक्तिमान देश अमेरिका के राष्ट्रपति रहे, लेकिन वह कभी इस सर्वोच्च पद के पर्याय नहीं बन पाए। उन्हें मतलबी और अहंकारी करार दिया गया। अखबारों ने टिप्पणी की है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान 29,000 से अधिक झूठ बोले। ट्रंप अमेरिका के लिए खतरा हैं। उन पर राजद्रोह का केस चलना चाहिए। ऐसी चर्चा अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी और कानूनी जानकारों में भी जारी है कि ट्रंप के खिलाफ दंगा भड़काने और राजद्रोह के आपराधिक केस चल सकते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय नए राष्ट्रपति बाइडेन और अमेरिकी कांग्रेस को करना होगा।

इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि देश के इतिहास में जानबूझकर किसी को परेशान करने के सबसे निंदनीय कृत्य को आगे बढ़ाते हुए महाभियोग का इस्तेमाल किया जा रहा है और इससे काफी गुस्से एवं विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसका दर्द इतना अधिक है कि कुछ लोग इसे समझ भी नहीं सकते, जो कि खासकर इस नाजुक समय में अमेरिका के लिए बेहद खतरनाक है।’

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