ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया वायरस वैरिएंट आफत मचा रहा है. अब दुनिया के तमाम हिस्सों में फैल चुका है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी दो दर्जन से अधिक ऐसे केस आ चुके हैं. आईसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि ब्रिटेन में पाया गया कोरोना वायरस का नया वायरस वैरिएंट अब 60 फीसदी से ज्यादा संक्रामक है. उन्होंने कहा कि यह ब्रिटेन में कहर बरपा रहा है, वहां की स्थिति चिंताजनक है.
आईसीएमआर के निदेशक ने कहा कि एनआईवी वैज्ञानिकों ने नए वायरस के स्ट्रेन को सफलतापूर्वक अलग कर दिया है और इसके खिलाफ विभिन्न टीकों का परीक्षण किया जाएगा. हमें उम्मीद है कि भारत बायोटेक की वैक्सीन और साथ ही अन्य टीके भी नए स्ट्रेन पर असरदार साबित होंगे. क्योंकि यह एक संपूर्ण वायरस है.
नए स्ट्रेन पर भारत की बड़ी कामयाबी
आपको बता दें कि इससे पहले भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने शनिवार (2 जनवरी) को कहा कि ब्रिटेन में सामने आये कोरोना वायरस के नये प्रकार का भारत ने सफलतापूर्वक ‘कल्चर’ किया है. आपको बता दें कि ‘कल्चर’ एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कोशिकाओं को नियंत्रित परिस्थितियों के तहत उगाया जाता है और आमतौर पर उनके प्राकृतिक वातावरण के बाहर ऐसा किया जाता है.
दरअसल, आईसीएमआर ने दावा किया कि किसी भी देश ने ब्रिटेन में पाये गये सार्स-कोवी-2 के नये प्रकार को अब तक सफलतापूर्वक पृथक या ‘कल्चर’ नहीं किया है. आईसीएमआर ने कहा कि वायरस के ब्रिटेन में सामने आये नये प्रकार को सभी स्वरूपों के साथ राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में अब सफलतापूर्वक पृथक और कल्चर कर दिया गया है. इसके लिए नमूने ब्रिटेन से लौटे लोगों से एकत्र किये गये थे.
भारत में अब तक नए स्ट्रेन से इतने संक्रमित
आपको बता दें कि ब्रिटेन ने हाल ही में घोषणा की थी कि वहां लोगों में वायरस का एक नया प्रकार पाया गया है, जो 70 प्रतिशत तक अधिक संक्रामक है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि सार्स-कोवी-2 के इस नये ‘स्ट्रेन’ से भारत में अब तक कुल 29 केस सामने आए हैं.