DRIVERLESS TRAIN
फोटो: सोशल मीडिया

देश की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन दिल्ली मेट्रो के मजेंटा लाइन और पिंक लाइन पर फर्राटे भरेगी. प्रधानमंत्री मोदी ने हरी झंडी दिखाकर इसका उद्घाटन किया. बता दें कि पहले चरण में ड्राइवरलेस ट्रेन मजेंटा लाइन पर जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के बीच दौड़ेगी.

इसके बाद साल 2021 में पिंक लाइन में 57 किलोमीटर तक ड्राइवरलेस मेट्रो चलाने की योजना है, जो मजलिस पार्क से शिव विहार तक की दूरी तय करेगी. ड्राइवरलेस ट्रेन में 2,280 यात्री एक बार में सफर कर सकते हैं. इसमें हर कोच में 380 यात्री सवार हो सकते हैं. दिल्ली मेट्रो ने पहली बार सितंबर 2017 को इसका ट्रायल शुरू किया था.

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के मुताबिक, ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन एक जैसी रफ्तार से चल पाएगी. इनकी टॉप स्पीड 95 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और ये पटरी पर 85 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी. डीएमआरसी के अनुसार, ये ट्रेन कम पावर खाएंगी.

ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन के लिए नए वाले सिग्नल सिस्टम की वजह से दो ट्रेनों के बीच की न्यूनतम दूरी घट जाएगी और मेट्रो स्टेशन के प्लैट्फॉर्म पर ट्रेन की फ्रीक्वेंसी भी अच्छी होगी. यानी एक ट्रेन के जाने के बाद दूसरी ट्रेन के लिए यात्रियों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन के कारण मैनुअल गलती की संभावना कम हो जाएगी. अभी मजेंटा लाइन पर ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन के तीसरे फेज के तहत ड्राइवरलेस मेट्रो का संचालन होगा. इस ग्रेड पर ड्राइवर का काम खत्म हो जाता है और ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमेटिक तरीके से चलती है. मगर इमरजेंसी के लिए ड्राइवर ट्रेन में ही मौजूद रहता है. इसे अटेन्डेन्ट कहा जाता है.

ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन में ड्राइवर केबिन नहीं होगा तो पैसेंजर्स के लिए थोड़ी ज्यादा जगह होगी. इसके साथ ही पैसेंजर अब ट्रेन जाने वाली दिशा में सामने जाकर देख सकेंगे.

ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन के स्टार्ट, स्टॉप और डोर ओपन-क्लोज करने में किसी भी ड्राइवर के मौजूद रहने की जरूरत नहीं है. इमरजेंसी सर्विस समेत हर तरह के ऑपरेशन को रिमोट कंट्रोल से ऑपरेट किया जा सकता है. 50 मीटर दूर ट्रैक पर कोई वस्तु है तो इसमें ब्रेक लग जाएगा. यानी पहले से सुरक्षित होगी.

बता दें कि ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन जिन स्टेशनों से गुजरेगी, उनके प्लेटफॉर्म पर स्क्रीन डोर लगे होंगे. सुरक्षा के लिहाज से ये स्क्रीन डोर लगाए गए हैं ताकि कोई ट्रैक पर न जा सके. यह डोर तभी खुलेंगे जब प्लेटफॉर्म पर मेट्रो ट्रेन आकर खड़ी हो जाएगी.

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