मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर हजारों किसान करीब एक महीने से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. 6 दौर की वार्ता हो चुकी है. लेकिन कोई हल नहीं निकला. 22 दिसंबर को केंद्र ने किसानों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया लेकिन किसानों ने इस आमंत्रण को खारिज कर दिया. किसानों का कहना है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले, अब इससे कम पर कोई बात नहीं होगी.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अब एक बार फिर संयुक्त किसान मोर्चा की चिट्ठी का जवाब देते हुए बातचीत के लिए न्योता भेजा है. चिट्ठी में सरकार ने किसानों से बातचीत का समय और तारीख तय करने को कहा है. साथ ही यह भी कहा है कि सरकार किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों के तर्कसंगत समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है. संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को चिट्ठी लिख कहा था कि वह तीनों कानूनों को निरस्त करवाना चाहती है, हालांकि किसान मोर्चा ने यह भी कहा था कि सरकार साफ नीयत से बातचीत करे तो किसान संगठन इसके लिए तैयार हैं.
अब सरकार ने इसी के जवाब में किसान संगठनों को बातचीत की तारीख बताने को कहा है. साथ ही उन्हें उन अन्य मुद्दों की जानकारी देने के लिए भी कहा गया है जिन पर वो वार्ता करना चाहते हैं.
Govt writes to agitating farmers, asking them to decide the date and time for the next round of talks. “Govt is committed to reaching logical solutions of the issues raised by you,” it reads. pic.twitter.com/tBglPwi8fs
— ANI (@ANI) December 24, 2020
इस चिट्ठी में लिखा है कि भारत सरकार के लिए देश के सभी किसान संगठनों के साथ वार्ता का रास्ता खुला रखना जरूरी है. सभी किसान संगठनों और किसानों की आदरपूर्वक बात सुनना सरकार का दायित्व है. सरकार ने किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों का उल्लेख करते हुए कहा है कि उठाए गए सभी मुद्दों पर सरकार ने वार्ता की है, अगर कोई और भी मुद्दा है तो सरकार वार्ता करने को तैयार है. चिट्ठी के मुताबिक, यह वार्ता किसान संगठनों की सुझाई तारीख और समय पर नई दिल्ली में विज्ञान भवन में मंत्री स्तरीय समिति के साथ आयोजित की जाएगी.