केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नौ राज्यों में कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ मिलकर बेहतर कार्य करने के लिए स्थापित 196 बेटर लाइफ फार्मिंग सेंटरों का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) से गांवों में रोजगार बढ़ेंगे, वहीं एक लाख करोड़ रुपए के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से किसानों के खेतों तक साधन-सुविधाएं पहुंचेंगे।
कृषि सुधार के नए कानूनों के बहुत अच्छे परिणाम आने वाले है।
पंजाब को छोड़कर देशभर के किसान इन कानूनों का खुलकर समर्थन कर रहे हैं।
ये बेटर लाइफ फार्मिंग सेंटर उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल व कर्नाटक में शुरू हुए हैं।
श्री तोमर ने उम्मीद जताई कि सेंटरों से जुड़े हजारों किसान अपनी कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा करने के साथ ही आय बढ़ाने में कामयाब होंगे व सभी एफपीओ सफलतापूर्वक कार्य करेंगे।
ये सभी नौ राज्य कृषि की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, इनमें किसानों की जोत छोटी है। इनमें सेंटर खोलना किसानों व एफपीओ के हित में सकारात्मक सोच है।
देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान है, जो खेती में स्वयं निवेश करने की क्षमता नहीं रखते है व महंगी फसलें उत्पादित करने की रिस्क नहीं ले पाते, परंपरागत ढंग से खेती करते हैं, जिससे अच्छे मुनाफे से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में ये सेंटर किसानों की भलाई के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।
उन्होंने बताया कि सरकार ने 10 हजार नए एफपीओ बनाने की स्कीम प्रारंभ कर दी है, जिस पर पांच साल में 6,850 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
एफपीओ को पेशेवर तरीके से आगे बढ़ाने एवं जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन के लिए क्लस्टर बेस्ड बिजनेस आर्गेनाइजेशन का प्रावधान है।
प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, कस्टम हायरिंग सेंटर व सामान्य सुविधा केंद्र के माध्यम से गांवों में रोजगार बढ़ेंगे। निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की भलाई के लिए सरकार बहुत तेजी से काम कर रही है। निजी निवेश नहीं आने तक किसी भी क्षेत्र का विकास नहीं होता है।