भारतीय फोटोग्राफर सुप्रतिम भट्टाचार्जी को ‘यूनिसेफ फोटो ऑफ द ईयर’ के द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र क बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ हर साल बच्चों के मसलों से जुड़े तीन सर्वश्रेष्ठ फोटोग्राफ को सम्मानित करती है। इसके अलावा एक और फोटाग्राफ का विशेष उल्लेख किया जाता है।
ग्रीस के लेसबोस द्वीप पर शरणार्थी शिविरों में लगी आग के दौरान फोटोग्राफर एंजोलोस जोजिनिस द्वारा ली गई तस्वीरों को प्रथम पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी के लिए यह फोटोग्राफी की थी। इसमें आग से जान बचाकर भाग रहे लोग दिख रहे हैं। कुछ बच्चे अपने परिजनों की गोदों में हैं जबकि कुछ थोड़े बड़े बच्चे खुद भी सामान उठाकर चल रहे हैं। इन शिविरों में चार हजार बच्चे थे।
भट्टाचार्जी के झारखंड के झरिया कोयला खनन क्षेत्र में काम करने वाले और अपने श्रमिक माता-पिता के साथ वहाँ रहने वाले बच्चों की तस्वीरों को द्वितीय पुरस्कार दिया गया है। यूनिसेफ ने लिखा है कि श्री भट्टाचार्जी ने इस तस्वीरों में इन बच्चों की व्यथा, थकान, डर और शून्य भाव को सजीव तरीके से दिखाया है।
पश्चिम बंगाल के बोराईपुर में 1983 में जन्मे श्री भट्टाचार्जी पर्यावरण और मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों को अपनी फोटोग्राफी के जरिये लोगों के सामने लाते रहे हैं।
कुछ तस्वीरों में बच्चे वहाँ काम कर रहे हैं तो कुछ में वे खड़े हैं या बैठे हैं। सभी बच्चों के चेहरे कोयले की धूल से सने हैं।