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दिल्लीः तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 27वां दिन है। इस बीच सरकार ने इस मुद्दे पर बातचीत का निमंत्रण दिया है, जिसको लेकर प्रदर्शनकारी किसान आज बैठक करेंगे। इस मीटिंग में पंजाब और राष्ट्रीय किसान संगठनों के नेता शामिल होंगे और ये तय करेंगे कि सरकार से चर्चा करनी है या नहीं। आपको बता दें कि सरकार की ओर से रविवार रात किसानों को बातचीत के आमंत्रित किया गया था। इस संबंध में सरकार की तरफ से किसानों को चिट्ठी भेजी गई थी, जिसमें समय तथा तिथि तय करने के लिए किसानों को कहा गया था।

वहीं प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि सरकार महज दिखावा कर रही है। सरकार मुद्दे पर बातचीत करना नहीं चाह रही है। यदि सरकार को चर्चा करना है कि वह हमारे हमारे एजेंडे पर चर्चा करे। किसानों नेताओं का कहना है कि सरकार ने दिखावे के लिए पांच पेज का गोलमोल प्रपोजल भेजा है, जिसमें पुरानी बातों पर ही जोर है।

पंजाब के तरनतारन से सिंघु बॉर्डर पहुंचे 75 साल के किसान निरंजन सिंह ने सोमवार को सल्फॉस पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की। उन्हें रोहत के PGI अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। निरंजन के जेब से एक नोट मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि प्रदर्शनकारी किसानों को ठिठुरते देख रोना आता है। सरकार सुन नहीं रही और किसानों की जान जा रही है। कुर्बानी देना चाहता हूं।

वहीं भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि 25 दिसंबर को कनाडा, इंग्लैड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रिया जैसे पंजाबियों की संख्या ज्यादा आबादी वाले देशों में इंडियन एंबेसी के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। पंजाब में आढ़तियों पर आयकर विभाग की छापेमारी का उल्लेख करते हुए भाकियू दोआबा के प्रधान मंजीत सिंह ने कहा कि सरकार जितना दबाएगी, आंदोलन उतना तेज होगा।

आपको बता दें कि दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर जहां-जहां किसान धरना दे रहे हैं, वहां पर किसानों ने सोमवार से भूख हड़ताल भी शुरू कर दी। 11 किसान हर दिन 24 घंटे के उपवास पर बैठेंगे। प्रदर्शनकारी किसान हरियाणा में 25 से 27 दिसंबर तक टोल फ्री कराएंगे

 

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