Chaudhary Birender Singh
पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे बीरेंद्र सिंह (फाइल फोटो)
दिल्ली सीमा पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसान मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर धरना दे रहे हैं. किसानों की सरकार से 6 दौर की वार्ता हो चुकी है. लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है जबकि धरना-प्रदर्शन का तीन हफ्ते से ज्यादा वक्त हो चुका है. इस मामले में मोदी सरकार घिरती जा रही है. अब उनकी अपनी ही पार्टी के लोग किसानों के समर्थन में आ रहे हैं. इससे सरकार की मुश्किले दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. मोदी के ही एक पूर्व मंत्री और हरियाणा के दिग्गज बीजेपी नेता किसानों के समर्थन में कूद पड़े हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे बीरेंद्र सिंह किसानों के समर्थन में सामने आए हैं. किसानों के साथ एकता जताने के लिए वे जिला रोहतक के सांपला पहुंचे. इस पर उन्होंने कहा है कि वे बीजेपी के खिलाफ नहीं हैं बल्कि किसानों के समर्थन में हैं. उन्होंने कहा है कि मैं नेता बाद में हूं और किसान का बेटा पहले.  लेकिन बीरेंद्र सिंह के इस कदम से अब मोदी सरकार को झटका लगा है.
बीरेंद्र सिंह ने कहा, ‘मैं सर छोटूराम विचारमंच का स्थायी सदस्य हूं. सर छोटूराम ऐसे नेता हुए हैं जिन्होंने देश की आजादी के पहले ही अपने क्षेत्र में कृषि सुधारों का काम किया था. छोटूराम विचार मंच किसानों की मांग का समर्थन करता है. उसका स्थायी सदस्य होने के नाते मैं किसानों के साथ खड़ा हूं.’
बीरेंद्र सिंह से पूछा गया कि क्या वे इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के खिलाफ हैं तब बीरेंद्र सिंह ने जबाव दिया, “किसानों का समर्थन करना अपनी पार्टी के खिलाफ जाना नहीं है. किसानों का मुद्दा राजनीति से ऊपर है. जब हम पैदा हुए थे तब किसान के बेटे होकर पैदा हुए थे, अब पढ़ लिखकर राजनीति में आ गए हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अपनी पृष्ठभूमि को भूल जाएं. किसानों का साथ देना मेरा नैतिक कर्तव्य है.”
उन्होंने आगे कहा, “सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए. बातचीत से किसी भी समस्या को हल किया जा सकता है. मैं किसानों से भी कहना चाहता हूं कि वे एक यथार्थपूर्ण संवाद करें, अंतहीन हड़ताल में न किसानों का हित है, न देश का हित है.”
आपको बता दें कि हाल ही में बीजेपी नेता बीरेंद्र सिंह ने कैथल में कहा था कि अगर किसान मुझसे संपर्क करते तो मैं किसानों की अगुवाई करने के लिए तैयार था. सरकार को कृषि कानूनों पर किसानों की शंका का हल करना चाहिए. गौरतलब है कि हरियाणा के रहने वाले चौधरी बीरेंद्र सिंह मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं.
फतेहाबाद के पूर्व विधायक रहे बीजेपी नेता भी किसान के समर्थन में आए सामने 
बीजेपी नेता व फतेहाबाद के पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि बाप छाती फाड़के हल चलाता है, बेटा छाती पर गोली खाता है, इससे बड़ा कोई त्याग नहीं, कोई रास्ता निकालें।
दौलतपुरिया ने फेसबुक पर भी लिखी पोस्ट में लिखा है कि किसानों का स्थान सड़क पर नहीं हो सकता, कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए. उन्होंने लिखा है कि शॉपिंग माल बनाने वालों, मोबाइल नेटवर्क बेचने वालों, बड़े-बड़े गोदाम बनाने वालों के बच्चे ना सेना में जाते हैं और न ही किसानी करते हैं.
उन्होंने लिखा है कि यह हठ का विषय नहीं है, न सरकार के लिए न किसान के लिए. चाणक्य नीति कहती है कि राजा को दयालु होना चाहिए और जनभावना की कद्र करनी चाहिए. इसलिए सरकार को हठ छोड़कर, किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी के अनुरूप फैसला करते हुए, तुरंत किसान आंदोलन को समाप्त करवाकर, अन्नदाता का सम्मान करना चाहिए.
दौलतपुरिया ने अपनी पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर को भी टैग किया है.

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