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संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन के 19वें दिन भूख हड़ताल की। दिल्ली की सीमाओं पर किसान आज भूखे बैठक सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि कृषि एक अहम क्षेत्र है। इसमें विपरीत फैसले लेने का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों में मौजूदा सुधार किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। हम किसान भाइयों की बात सुनने और उनकी शंकाएं दूर करने के लिए हमेशा तैयार हैं। उनसे बातचीत के लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं।

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप (APP) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी किसानों का समर्थन करते हुए की उपवास रखा। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से भी उपवास करने की अपील की थी।  पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल के उपवास को नौटंकी बताया।

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह किसान आंदोलन को लेकर सक्रिय हो गए हैं। हालांकि शाह की अभी तक किसानों के साथ एक ही बैठक हुई है, लेकिन अब वह हर मुद्दे को खुद देख रहे हैं। किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर शाह ने पिछले दो दिन में पांच से ज्यादा बैठकें की हैं।

किसानों को मनाने और आंदोलन खत्म कराने के लिए अलग-अलग मंत्रियों को अलग-अलग राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। पंजाब के किसानों को मनाने की जिम्मेदारी खुद शाह ने ली है,स जबकि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अलग-अलग राज्यों और यूनियनों की जिम्मेदारी दी गई है।

नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच फिर से वार्ता शुरू करने की कवायद शुरू हो गई है। इसको लेकर दोनों स्ट्रैटजी बनाने में जुट गए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार से चर्चा के लिए जाने वाले किसानों की संख्या कम की जाएगी। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें इस बात पर नजर रखने की जरूरत है कि कोई गलत तत्व हमारे बीच न घुसे। उधर, शाह ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा की है और उम्मीद है कि सरकार जल्द ही किसानों को चर्चा के लिए आमंत्रित करेगी।

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