केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर किसान पिछले दो हफ्ते से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. पंजाब-हरियाणा समेत दूसरे राज्यों के हजारों किसान यहां बॉर्डर पर जमे हुए हैं. इस बीच किसान आंदोलन और नए कृषि कानून को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसके जवाब में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार 15 में से हमारी 12 मांगों पर सहमत हो रही था, इसका मतलब है कि बिल सही नहीं हैं, तो उन्हें नष्ट क्यों नहीं किया जाना चाहिए. टिकैत ने कहा कि हमने एमएसपी पर एक कानून की मांग की थी लेकिन वे अध्यादेश के जरिए 3 बिल लाए थे, हमारा विरोध शांतिपूर्वक जारी रहेगा. टिकैत ने मोदी सरकार को दो टूक कह दिया है कि जबतक कानून वापस नहीं लिया जाता तबतक किसानों का धरना जारी रहेगा.
राकेश टिकैत ने कहा कि ‘हम कृषि मंत्री को सुन रहे थे. उन्होंने कोई नई बात नहीं कही है, हम उनके बताए संशोधन पर तैयार नहीं हैं. हम यहां से तब तक नहीं जाएंगे जब तक एमएसपी को नहीं दिया जाएगा.’ किसान नेताओं की मांग है कि इस कानून को वापस लिया जाए.
If Centre was agreeing to 12 of our demands out of 15, that means the bills are not right, then why not destroy them. We had demanded one law on MSP but they brought 3 bills through the ordinance…Our protests will continue peacefully: Rakesh Tikait, Spox, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/cKB5QoGLxQ
— ANI (@ANI) December 10, 2020
राकेश टिकैत ने कहा कि हमने मांग की थी कि एमएसपी पर कानून बनाओ लेकिन सरकार ने नहीं बनाया. जबकि, पूरे देश का किसान यही चाहता है. इस सरकार के कार्यकाल में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट भी लागू नहीं हुई. टिकैत ने कहा कि यदि सरकार 80 फीसदी बदलाव करने को राजी है तो समझा जा सकता है कि ये कानून कितने खराब होंगे. उन्होंने सरकार के सभी मंत्रियों से अपील की कि एकजुट होकर किसानों के पक्ष में फैसला लें.
इससे पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकार लगातार किसानों से चर्चा के लिए तैयार थी. लेकिन इसी बीच 26 और 27 नवंबर को किसानों ने आंदोलन की घोषणा कर दी. इसके बाद से बातचीत का दौर चला, जल्द ही कोई न कोई हल जरूर निकलेगा. तोमर ने कहा कि किसानों ने कानून हटाने की बात की थी लेकिन हमने जिन बिंदुओं पर परेशानी है, उस पर प्रस्ताव बनाकर भेजे. किसान की आमदनी 2022 तक दोगुनी हो, इसके लिए पीएम मोदी की अगुवाई में काम हुआ है.
आपको बता दें कि राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. वह बड़े किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष रहे स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत के दूसरे बेटे हैं. राकेश टिकैत किसानों के उस कोर ग्रुप में शामिल हैं जो केंद्र सरकार से कृषि कानून पर बात कर रही है.