संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः कृषि से संबंधि तीन नए कानूनों के खिलाफ किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है, जिसका समर्थन विपक्षी दलों सहित  कई क्षेत्रीय संगठनों ने किया है। किसान इन कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले 12 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम  प्रमुख एमके स्टालिन तथा गुपकर घोषणापत्र गठबंधन अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला सहित प्रमुख विपक्षी नेताओं ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी कर किसान संगठनों द्वारा बुलाये गये ‘भारत बंद’ का समर्थन करने की घोषणा की और केंद्र पर प्रदर्शनकारियों की वैध मांगों को मानने के लिये दबाव बनाया।

आपको बता दें कि सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच इस मुद्दे पर पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है।  अब सरकार तथा किसानों के बीच नौ दिसंबर को छठे दौर की बातचीत होगी।  किसान नेता बलदेव सिंह यादव ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ पंजाब के किसानों का नहीं है, बल्कि पूरे देश का है। हम अपने आंदोलन को मजबूत करने जा रहे हैं और यह पहले ही पूरे देश में फैल चुका है।  उन्होंने सभी लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अपील करते हुए कहा कि सरकार हमारे साथ ठीक से व्यवहार नहीं कर रही थी, इसलिए हमने भारत बंद का आह्वान किया।

इन पार्टियों ने किया है भारत बंद का समर्थन करने की घोषणा

  • कांग्रेस
  • वाम पार्टियां
  • द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम
  • आम आदमी पार्टी
  • तृणमूल कांग्रेस
  • समाजवादी पार्टी
  • तेलंगाना राष्‍ट्र समिति
  • राष्‍ट्रीय जनता दल
  • शिरोमणि अकाली दल
  • राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
  • गुपकार गठबंधन
  • ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन
    ये संगठन खड़े हैं किसानों के साथ
    प्रदर्शनकारी किसानों ने भारत बंद के तहत ‘दिल्‍ली आने वाली सभी सड़कें ब्‍लॉक’ करने की चेतावनी दी है। किसानों का टोल प्‍लाजाओं पर भी कब्‍जे की योजना है। वहीं राजनीतिक पार्टियों के अलावा कई व्‍यापारिक यूनियनों और संगठनों ने भी भारत बंद का समर्थन किया है। किसानों के बंद का समर्थन करने वाले संगठन निम्नलिखित प्रकार है:-
  • ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमिटी
  • ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस
  • इंडियन नैशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस
  • हिंद मजदूर सभा (HMS)
  • ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर
  • सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस
  • ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर
  • ऑल इंडिया बैंक एम्‍प्‍लॉयीज असोसिएशन
  • ऑल इंडिया बैंकिंग ऑफिसर्स असोसिएशन
  • इंडियन नैशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस

यहां दिखेगा भारत बंद का असर

किसानों के भारत बंद का असर जरूरी सेवाओं को छोड़कर शायद हर जगह देखने को मिल सकता है। किसान संगठनों ने दिल्‍ली की सीमाओं पर कब्‍जा कर लिया है। किसान आठ दिसंबर को देशभर में चक्‍का जाम करने की तैयारी में है। रेल सेवाओं को भी प्रभावित करने की कोशिश करेंगे। कृषि आधारित इलाकों में बंद का व्‍यापक असर देखने को मिल सकता है। बाजार से लेकर सामान्‍य जनजीवन पर बुरा असर पड़ने की पूरी संभावना है। सड़कें जाम होने से सप्‍लाई चेन्‍स और ट्रांसपोर्ट सर्विस‍िज की कमर टूट सकती है। यदि राजनीतिक दल भी भारत बंद के समर्थन में उतरते हैं तो फिर उसके असर का दायरा और बढ़ सकता है। इमर्जेंसी और जरूरी सेवाओं को बंद से दूर रखने की बात किसान संगठन कहे चुके हैं।

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