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दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः सरकार के यकीन पर किसानों को यकीन नहीं है। किसान अभी भी इस मांग पर अड्डे हैं कि सरकार कृषि से संबंधित तीन नए कानूनों को समाप्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर बैठक हुई है। इस मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच यह चौथी बैठक थी, लेकिन करीब सात घंटे तक चली बैठक में बात नहीं बन पाई। इस इस तरह से यह बैठक बनेतीजा समाप्त हुई।

इस बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को यकीन दिलाया कि एमएसपी भरोसा दिलाया (MSP) को को छुआ नहीं जाएगा। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। इन्होंने बताया कि नए कानूनों में किसानों को सहुलियत दी गई है। उन्होंन कहा कि किसानों की जमीन की लिखा-पढ़ी कोई नहीं कर सकता है. लेकिन किसानों को उनके यकीन पर यकीन नहीं है।

किसान अभी भी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार कृषि से संबंधित नए कानूनों को समाप्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। किसानों को कहना है कि मसला सिर्फ एमएसपी का ही नहीं है, बल्कि नए कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने का है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई मसलों पर बातचीत होनी चाहिए। केंद्र और किसानों के बीच अब अगले दौर की बातचीत पांच दिसंबर को होगी।

इस बैठक के दौरान सरकार के प्रति रवैया कैसा था, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि लंच ब्रेक होने पर उन्होंने अपने साथ लाया खाना ही खाया। किसानों ने साफ कह दिया कि सरकार का चाय या खाना मंजूर नहीं। सरकार की ओर से एक दिसंबर की बैठक में भी किसानों को चाय ऑफर की गई थी। उस दौरान किसानों की ओर से कहा गया था कि चाय नहीं, मांगें पूरी कीजिए। आप धरनास्थल पर आइए, हम आपको जलेबी खिलाएंगे।

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