विदेश डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः कोरोना संकट के एक साल पूरे हो गए और इस एक साल के दौरान इस महामारी से दुनियाभर में 6.34 करोड़ से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है तथा 14.71 लाख से ज्यादा लोग इसके कारण काल के गाल में समा गए हैं।

प्रसिद्ध द लैंसेट मेडिकल जर्नल ने गत वर्ष 24 जनवरी को अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि चीन में हुबेई प्रांत के वुहान में एक दिसम्बर 2019 को कोविड-19 के के पहले मामले का पता चला था। इस अध्ययन में शामिल डॉक्टरों के समूह में शामिल डॉक्टर वु वेन्जुआन ने कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान की थी और उसका वुहान जिनिन्तन अस्पताल में मरीज का उपचार भी किया था। हालांकि वेन्जुआन ने अस्पताल की नीतियों का हवाला देते हुए इस पहले कोरोना संक्रमित के बारे में विस्तृत जानकारी साझा करने से इनकार किया था।

वेन्जुआन की टीम ने यह भी पाया है कि कि नये कोरोना वायरस का मानव में संक्रमण जंगली पशुओं से नहीं हुआ है, जबकि पहले आशंका जताई जा रही थी कि यह हुनान सीफूड मार्केट में बिकने वाले पशुओं के जरिए फैला है। वहीं चीन की मीडिया ने हाल ही इटली में चिकित्सा शोधकर्ताओं के एक  समूह के उस अध्ययन पर ध्यान केंद्रित किया है. जिसमें सितम्बर-2019 की  शुरुआत में ही लोम्बर्डी क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के साक्ष्य मिलने का  दावा किया गया है।

अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार विश्व के 191 देशों में कोरोना वायरस से अब तक 6.34 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 14.71 लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

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