संवाददाता
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः देव दीपावली के मौके पर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अद्भुत नजारा देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार की शाम पहला दीप जलाकर देव दीपावली पर्व की शुरुआत की।
इस मौके पर यहां के 16 घाटों पर उनसे जुड़ी कथा को दर्शाती बालू से कलाकृतियां बनाई गई हैं। जैन घाट के सामने भगवान जैन की आकृति, तो तुलसी घाट के सामने विश्व प्रसिद्ध नाग नथैया के कालिया नाग की आकृति बनाई गई है। वहीं ललिता घाट के सामने मां अन्नपूर्णा देवी की आकृति भी बनाई गई है। इस दौरान मोदी ने खुद भी दीपदान किया। यहां के दशाश्वमेध घाट पर महाआरती के दौरान 21 बटुक और 42 कन्याएं आरती में शामिल हुईं।
वैसे तो हर साल देव दीपावली के मौके पर काशी के सभी 84 घाट दीयों से रोशन से जगमग होते हैं और लाखों लोग इस अद्भुत नजारे को निरेखने के लिए यहां पहुंचते हैं, लेकिन इस साल कोरोना संकट के मद्देनजर श्रद्धालुओं की संख्या सीमित कर दी गई थी। साथ ही हर एक शख्स के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया गया था। यहां पिछले साल जहां 10 लाख दीये जलाए गए थे। वहीं इस बार दीपों की संख्या में पांच लाख और बढ़ाकर 15 लाख कर दी गई थी। इसके अलावा यहां के 20 से 25 घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ।
ऐसी मान्यता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवता बनारस के घाटों पर आते हैं। वैदिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। इसके बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी। भगवान भोलेनाथ ने खुद धरती पर आकर तीन लोक से न्यारी काशी में देवताओं के साथ गंगा घाट पर दिवाली मनाई थी। ऐसी मान्यता है कि दीप दीपावली के मौके पर दीपदान करना पुण्य फलदायी और विशेष महत्व वाला होता है।
Har Har Mahadev! pic.twitter.com/k2XD2Q74xl
— Narendra Modi (@narendramodi) November 30, 2020
Dev Deepavali and the affection of the people of Kashi! 🙏🏼 pic.twitter.com/XRgcL9WR1v
— Narendra Modi (@narendramodi) November 30, 2020