दिल्लीः 30 नवंबर यान सोमवार है आज चंद्रग्रहण लग रहा है। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपना ध्यान विशेष तौर पर रखना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रहण काल के दौरान कुछ खास एहतियात बरतने की सलाह दिए हैं, जिनका पालन करने से शिशु और मां दोनों स्वस्थ रह सकते हैं।

आज हम बात कर रहे हैं  ऐसी मान्‍यता है कि जिन्हें चंद्रग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को पालन करना जाहिए। चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष कार्य करने से गुरेज करना चाहिए, क्योंकि इनकी वजह से गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है।

अब हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी बातें जिन्हें चंद्र ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। चंद्रग्रह शुरू होने से पहले भोजन में तुलसी जी के पत्ते डालकर रखें और ग्रहण काल के दौरान भोजन न करें। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान हरी कीर्तन करना चाहिए। हरी नाम का जाप करना चाहिए। ग्रहण की समाप्ति पर स्‍नान करें और ब्राह्मण को दक्षिणा दें।

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान नुकीली वस्‍तुओं जैसे कि चाकू, कैंची और सुईं आदि का इस्‍तेमाल या इनके संपर्क में नहीं आना चाहिए। साथ ही चंद्रग्रह के दौरान पानी न पिएं और ना ही घर का कोई काम करें।

ऐसी मान्यता है कि जब ग्रहण शुरू हो जाता है तो उस समय गर्भवती महिला को स्नान नहीं चाहिए। साथ ही ग्रहण के समय चांद की रोशनी में नहीं आना चाहिए। इसके अलावा ग्रहण के दौरान व्‍यायाम करने से भी गुरेज करना चाहिए। हालांकि इन पुरानी रीतियों का कोई वैज्ञानिक आधार तो नहीं है। इसके बावजूद भी आप अपने शिशु को किसी तरह के खतरे से बचाने के लिए आप इन मान्‍यताओं को मान सकती है।

ऐसी मान्यता है कि ग्रहण का असर भ्रूण के विकास पर पड़ता है और इससे प्रेगनेंट महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव भी आते हैं। इन बदलावों की वजह से गर्भवती महिलाओं को स्विंग्स, एंग्‍जायटी और क्रेविंग होती है।

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