संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः कृषि से संबंधित नये कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी किसानों में अब दिल्ली के पांच हाइवे को जाम करने का फैसला लिया है। सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर डटे प्रदर्शनकारी किसानों ने आगे की रणनीति के लेकर बैठक की। इसके बाद किसानों ने दिल्ली के बुराड़ी में नहीं जाने का फैसला लिया। किसानों का कहना है कि सरकार बिना शर्म हमलोगों से बात करे।

प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि सरकार ने बातचीत के लिए कंडीशन लगा दी है। ऐसे में हम बुराड़ी के मैदान में नहीं जाएंगे। हमें पता लगा है कि वह मैदान नहीं है, ओपन जेल है। किसानों का कहना है कि उत्तराखंड के किसान दिल्ली के जंतर-मंतर जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासन और पुलिस ने उनके साथ धोखा किया और उन्हें जंतर-मंतर न ले जाकर बुराड़ी पार्क में कैद कर दिया।

प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि हम ओपन जेल में जाने की बजाय सोनीपत, रोहतक का बहत्तरगढ़, जयपुर-दिल्ली हाईवे, मथुरा-आगरा- दिल्ली हाईवे, गाजियाबाद-दिल्ली हाईवे जाम करेंगे और दिल्ली की घेराबंदी करेंगे। किसानों का कहना है कि पांच प्वाइंट पर हम धरना देंगे।

प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि हमने रहने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली को घर जैसा बना रखा है। हमारे पास इतना राशन है कि हम चार महीने तक हमें रोड पर बैठर धरना दे सकते हैं। हम लंबी लड़ाई के लिए तैयारी करके आए हैं।

प्रदर्शनकारी किसानों एक समिति बनाई है। यही समिति ने पांचों प्वाइंट पर धरने-प्रदर्शन का संचालन करेगी। इस समिति ने फैसला लिया है कि किसी दल के नेता को मंच पर आकर बोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि कांग्रेस नेता हो या आप के या अन्य किसी राजनीतिक पार्टी हमारे स्टेज पर स्पीकर के तौर पर नहीं बोलेंगे। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि जो संगठन संचालन समिति कमेटी के तय नियमों को मानेंगे, उन्हें बोलने की इजाजत दी जाएगी।

प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि हम दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद अपने साथियों को वापस बुलाएंगे। आपको बता दें कि दिल्ली के बुराड़ी में किसानों का एक समूह पहले से ही डेरा डाले हुए है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि किसान पहले दिल्ली के बुराड़ी मैदान पर इकट्ठे हों। इसके बाद उनसे बात की जाएगी, जबकि किसान संगठन पहले ही कह चुके हैं कि वे दिल्ली घेरने आए हैं, दिल्ली में घिरने नहीं।

 

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