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आज लोक अस्था का महापर्व छठ है।  बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश का यह सबसे बड़ा त्योहार है। आज व्रतीडूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे तथा शनिवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो जाएगा। इस साल करोना महाम्री के मद्देनजर यह पर पाबंदियों के बीच मनाया जा रहा है।

इस महापर्व में व्रती 36 घंटे तक निर्जला रहते हैं। कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान भास्कर की आराधाना के पर्व गुरुवार को खरना का पूजा की गई। छठ व्रतियों ने गुरुवार को पूरे दिन उपवास रखा था। सुबह उठने के बाद घरों तथा आसपास की सफाई की गई। दोपबर मेें स्नान के बाद चावल,दूध तथा गूड़ से खीर का प्रसाद बनया। इसके अलावा गेहूं की रोटी, चावल का पिट्ठा आदि का भी प्रसाद बनया गया। शाम के समय छठ व्रतियों ने छठी मईया की पूजा करने के बाद प्रसाद ग्रहण किया तथा फिर परिवार के उन सदस्यों क दिया, जिन्होंने व्रत नहीं रखा है।  इसके बाद से छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया।

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