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संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रहने पूर्वांचल के लोगों को इस वर्ष छठ महापर्व अपने घरों में करनी होगी। वैश्विक महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते ही दिल्ली सरकार ने सार्वजिक जगहों तथा नहीं किनारे घाटों पर छठ महापर्व करने की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया है।

प्रदेश के मुख्य सचिव विजय देव ने बुधवार को जारी आदेश में कहा कि इस वर्ष सार्वजनिक जगहों, नदी के किनारे घाटों, मंदिरों आदि जगहों पर छठ पूजा मनाने की अनुमति नहीं होगी। आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में बड़े पैमाने पर विशेष तौर पर पूर्वांचल के लोग बड़ी धूमधाम से छठ महापर्व मनाते हैं। चार दिनों तक चलने वाली छठ पूजा को बिहार, पूर्वी यूपी और झारखंड के लाखों लोग धूमधाम करते हैं। इस साल छठ महापर्व 18 नवंबर से शुरू हो रहा है।

सरकारी आदेश के अनुसार,“सरकार ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस के उपाधीक्षकों और सभी संबंधित अथॉरिटीज को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि राष्ट्रीय राजधानी में इस साल सार्वजनिक स्थानों/नदी के किनारों/मंदिरों आदि में छठ पूजा न हो।”सरकार ने दिल्ली में प्रदूषण की वजह से पटाखों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध है।छठ महापर्व की शुरुआत 18 नवंबर को नहाय खाय से होगी। इसके बाद 19 नवंबर खरना, 20 नवंबर  शाम का अर्ध्‍य और 21 नवंबर उगते सूर्य को अर्ध्‍य के साथ यह संपन्न होगा।

 

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