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दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा हटाने संबंधी चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते आयोग के आदेश पर रोक लगाते हुए पूछा कि आखिर आयोग को यह अधिकार किसने दिया है?

चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने कमलनाथ की याचिका की सुनवाई के दौरान आयोग को लताड़ लगाई।  हालांकि  आयोग की ओर से पेश हुए वकील राकेश द्विवेदी ने सुनवाई के शुरू में ही  कहा कि विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार रविवार को ही थम गया और मतदान होने वाला है। ऐसे में कमलनाथ की याचिका का कोई मतलब नहीं रह जाता है। इसलिए अब इस याचिका पर सुनवाई की जरूरत नहीं रही, लेकिन कमलनाथ की ओर से पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इसका पुरजोर विरोध किया।  उन्होंने कहा कि यह याचिका अब भी सुनवाई योग्य है,क्योंंकि आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ एक मामले में 30 अक्टूबर की शिकायत को बरकरार रखा है।

इसके बाद बेंच ने कहा कि वह मामले की सुनवाई करेगी कि आयोग  को इस तरह का आधार है अथवा नहीं?  सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने आयोग से कहा, ” हम आपके आदेश पर रोक लगाते हैं और आपसे यह जवाब चाहते हैं कि आपको जन प्रतिनधित्व कानून की धारा 77 के तहत यह अधिकार किसने दिया कि किसी पार्टी में कौन स्टार प्रचारक होगा और कौन कुछ और।”

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