आज शारदीय नवरात्रि के आठवां दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की उपासना की जाती है। वैदिक ग्रंथों के मुताबिक माता के इस स्वरूप ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके कारण उनका शरीर काला पड़ गया। प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें स्वीकार किया और उन पर गंगाजल डाला। इससे माता का शरीर कांतिवान और वर्ण गौर हो गया तब से उनका नाम गौरी हो गया।

माता महागौरी का वाहन वृषभ अर्थात् बैल है। इनकी एक भुजा अभयमुद्रा में है, तो दूसरी भुजा में त्रिशूल है। तीसरी भुजा में डमरू है तो चौथी भुजा में वरमुद्रा में है। इनके वस्त्र भी सफेद रंग के हैं और सभी आभूषण भी श्वेत हैं। माता महागौरी की आराधना से सोमचक्रजाग्रत होता है। इससे असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। समस्त पापों का नाश होता है। सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हर मनोकामना पूर्ण होती है।

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