आज नवरात्रि का छठा दिन है। आज के दिन मां कात्यायनी देवी का है। वैदिक ग्रंथों के मुताबिक महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदि-शक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लेने का वरदान दिया था। महर्षित कात्यायन के घर अवतार लेने के कारण ही आदि शक्ति कात्यायनी कहलाती हैं। स्कंद पुराण के अनुसार मां कात्यायनी परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से उत्पन्न हुई थीं ।

माता कात्यायनी का भी वाहन सिंह है। माता कात्यायनी ने सिंह पर ही आरूढ़ होकर महिषासुर का वध किया। इनकी दो भुजाएं अभय मुद्रा और वर मुद्रा में हैं। अन्य दो भुजाओं में खड्ग और कमल है। मां कात्यायनी की पूजा से रोग, शोक, संताप, भय का नाश होता है।

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