दिल्लीः अगर आपको बार-बार यूरिन पास करने की समस्या हो रही है, तो आपको थोड़ा सचेत होने की जरूरत है। आमतौर पर यह समय ज्यादा लिक्विड पीने के कारण होता है। लेकिन कई बार यह कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है।
IJCMPH यानी इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ में छपी एक स्टडी के अनुसार UI यानी यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस अर्थात यूरिन पर कंट्रोल न कर पाना भारत में एक आम समस्या है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करती है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ये समस्या लगभग आधी होती है।
महिलाओं में इसका खतरा डिलीवरी के बाद, मेनोपॉज के दौरान और उम्र बढ़ने के साथ अधिक होता है। मौजूदा समय में भारत में 10-45% महिलाएं इस समस्या से पीड़ित हैं। वहीं, लगभग 05-15% युवाओं को यह समस्या होती है। उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों में भी ये प्रॉब्लम बढ़ जाती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी स्टडी के अनुसार दुनिया भर में 20 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 42.3 करोड़ लोग किसी-न-किसी रूप में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस के चपेट में आते हैं। ये एक गंभीर समस्या है, लेकिन लोग शर्म के कारण इस बारे में बात नहीं करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या और भी ज्यादा है, क्योंकि वहां इलाज की सुविधा कम है।
आज हम इसी समय के बारे में बात करने जा रहे हैं और जानने की कोशिश करेंगे कि बीमारी से कैसे निजात पाया जा सकता है। सबसे पहले बात करते हैं यूआई को लेकर उठने वाले सवाल के बारे में…जैसे यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस के क्या कारण हैं? इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है?
सबसे पहले बात करते हैं कि क्या है यूरिनरी इनकॉन्टिनेंसः मूत्राशय (bladder) द्वारा यूरिन को कंट्रोल नहीं कर पाने की समस्या को यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस कहते हैं। यह कोई बीमारी नहीं बल्कि एक लक्षण है, जो किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के कारण हो सकता है।
आमतौर पर लोग इसके बारे में बात करने से हिचकिचाते हैं। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। हालांकि बुजुर्ग और प्रेग्नेंट वुमन को इसका खतरा ज्यादा रहता है। यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस 04 तरह का होता है।
क्या है इसके कारणः यूआई के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें लाइफस्टाइल से लेकर कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं तक शामिल हैं। कम समय में बहुत अधिक पानी या अन्य पेय पदार्थ पीने से बार-बार यूरिन आ सकती है। कैफीन और शराब के सेवन, कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव, प्रेग्नेंसी, बढ़ती उम्र समेत इसके और भी कई कारण हैं।
इसके अलावा कुछ हेल्थ इश्यू जैसे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI), ओवर-एक्टिव ब्लैडर (OAB), किडनी डिजीज और डायबिटीज जैसी कंडीशन में भी बार-बार यूरिन आती है। यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस के कुछ और भी कारण हो सकते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-
UI के लक्षण: यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस का मुख्य लक्षण अनजाने में यूरिन का निकलना है। यह अचानक या धीरे-धीरे लीकेज के रूप में हो सकता है। ऐसा महसूस हो सकता है कि अभी ब्लैडर पूरी तरह से खाली नहीं हुआ है। रात में बार-बार यूरिन पास करने की जरूरत महसूस हो सकती है। यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस के और भी कुछ लक्षण हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक समझिए-
क्या है इलाजः यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस का इलाज कई तरह से किया जा सकता है। इसमें लाइफस्टाइल में बदलाव, एक्सरसाइज, दवाएं और सर्जरी शामिल हैं। डॉक्टर इनकॉन्टिनेंस के कारण के आधार पर इलाज का चुनाव करते हैं।
UI से बचने के उपायः इस से बचने के लिए लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव की जरूरत होती है…
- वजन मेंटेन रखें। इससे ब्लैडर पर दबाव कम होता है।
- नियमित एक्सरसाइज करें। इससे पेल्विक फ्लोर की मसल्स मजबूत होती हैं
- स्मोकिंग और ड्रिंकिंग से बचें। ये ब्लैडर के काम में बाधा डालते हैं।
- कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और आर्टिफिशियल स्वीटनर से बचें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, लेकिन सोने से पहले सीमित मात्रा में ही लिक्विड का सेवन करें।
- कब्ज से बचें क्योंकि यह ब्लैडर पर दबाव डाल सकता है। इसके लिए फाइबर युक्त डाइट लें।
- एक निश्चित समय पर यूरिन पास करने की आदत डालें। धीरे-धीरे इसका समय बढ़ाएं ताकि ब्लैडर अधिक यूरिन रिटेंशन के लिए ट्रेंड हो सके।
UI से जुड़े सवालः एक दिन में कितनी बार यूरिन पास करना चाहिए?
जवाब- यूरोलॉजिस्टों के अनुसार अधिकांश लोग औसतन दिन में लगभग 7-10 बार यूरिन पास करते हैं। अगर हर 30 मिनट से एक घंटे के बीच यूरिन पास करने के लिए उठना पड़ता है, तो ये किसी बीमारी का लक्षण हो सकती है। हालांकि अगर आप बहुत सारा पानी पी रहे हैं या कुछ खास दवाएं ले रहे हैं, तो यह सामान्य है।
यह व्यक्ति को कैसे करती है प्रभावितः
जवाब- यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस सिर्फ मूत्राशय को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह शरीर के कई हिस्सों और भावनाओं पर भी असर डाल सकता है। लगातार गीलापन रहने के कारण स्किन रैशेज या इन्फेक्शन हो सकता है। पूरी तरह से मूत्राशय खाली न होने के कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। गंभीर मामलों में किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके अलावा यूरिन कब निकल जाएगा, इस डर से हमेशा चिंता बनी रहती है। लोग बाहर जाने या सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने से कतराने लगते हैं, क्योंकि उन्हें शर्मिंदगी महसूस होने का डर होता है। इससे वे अकेलेपन का शिकार हो सकते हैं और उनकी क्वालिटी लाइफ प्रभावित हो सकती है। इसलिए अगर किसी को यह समस्या हो तो डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।
क्या इस समय से निजात पाया जा सकता है:
जवाब- हां, यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस का इलाज संभव है। इसके लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसलिए बिना किसी घबराहट के डॉक्टर की सलाह लें।