दिल्लीः दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आतंकी तहव्वुर राणा को 18 दिन के लिए NIA की कस्टडी में भेज दिया है। एजेंसी ने कोर्ट से 20 दिन की रिमांड मांगी थी। स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह ने बंद कमरे में मामले की सुनवाई की और गुरुवार देर रात 02 बजे फैसला सुनाया।
26/11/ 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड 64 साल के तहव्वुर राणा को कल अमेरिका से भारत लाया गया था। राणा को गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे लेकर अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था, जहां उसका मेडिकल चेकअप हुआ, इसके बाद उसे सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया।
भारत पहुंचने के बाद राणा की पहली तस्वीर भी सामने आई, जिसमें नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के अधिकारी उसे पकड़े हुए नजर आए। राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा।
हालांकि अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि उसे कब और किस वार्ड में रखा जाएगा। जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम बुधवार को राणा को लेकर अमेरिका से रवाना हुई थी।
भारत पहुंचने के बाद गुरुवार को तहव्वुर राणा की पहली तस्वीर सामने आई। हालांकि इसमें उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा है। NIA के अधिकारी उसे पकड़े हुए हैं।
भारत पहुंचने के बाद गुरुवार को तहव्वुर राणा की पहली तस्वीर सामने आई। हालांकि इसमें उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा है। NIA के अधिकारी उसे पकड़े हुए हैं।
NIA की तरफ से कोर्ट में पेश दलील
मुंबई हमले की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करना बहुत जरूरी है। आतंकी हमलों को अंजाम देने में राणा की भूमिका की भी जांच करेंगे। मुंबई हमले के दूसरे आरोपी डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले तहव्वुर राणा के साथ पूरे ऑपरेशन पर चर्चा की थी।
हमले के दौरान चुनौतियों का अनुमान लगाते हुए हेडली ने राणा को एक ईमेल भेजा था, जिसमें उसने अपने सामान और संपत्तियों का ब्योरा दिया था।
हेडली ने राणा को साजिश में इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान के शामिल होने की भी जानकारी दी। NIA की तरफ से वकील दयान कृष्णन ने पक्ष रखा, जबकि राणा की तरफ से वकील पीयूष सचदेवा ने मामले की पैरवी की।
आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने आपको बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।
तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था।
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर राणा को 2013 में आतंकी संगठन लश्कर से रिश्ते रखने और डेनिश अखबार पर हमले की साजिश के आरोप में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
64 वर्षीय तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।
पाकिस्तान ने गुरुवार को तहव्वुर राणा से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह कनाडा का नागरिक है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को रिन्यू नहीं कराया है। उसके पास कनाडा की नागरिकता है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान अपने उन नागरिकों को दोहरी नागरिकता रखने की अनुमति देता है जो कनाडा में जाकर बस गए हैं।
उधर, अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा कि मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में जरूरी कदम है। डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा- राणा का प्रत्यर्पण मुंबई हमलों में मारे गए 6 अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
तहव्वुर राणा को FBI ने अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में ओ’हेयर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। हेडली की गवाही के आधार पर राणा को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
2011 में राणा को दानिश न्यूजपेपर मॉर्गेनाविसेन जाइलैंड्स-पोस्टेन पर हमले की साजिश रचने का दोषी पाया गया था। इस अखबार ने 2005 में पैगंबर मोहम्मद पर 12 विवादित कार्टून्स छापे थे। हमले में एक कार्टूनिस्ट का सिर कलम कर दिया गया।
यही 12 कार्टून अगले ही साल ‘चार्ली हेब्दो’ नाम की फ्रांसीसी मैगजीन ने छापे, जिसके बदले में 2015 में चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर हमला करके 12 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
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