मुंबईः घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को सकारात्मक रुख देखने को मिल रहा है। कल की बड़ी गिरावट के बाद संभलकर कारोबार करते हुए घरेलू शेयर बाजार ने हरे निशान पर शुरुआत की और शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 1,283.75 अंक उछलकर 74,421.65 अंक पर आ गया। ऐसे ही निफ्टी 415.95 अंक बढ़कर 22,577.55 अंक पर आ गया। सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में बढ़त है। मेटल और ऑटो शेयर्स में ज्यादा तेजी है।

बाजार में तेजी की मुख्य वजहः एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई इंडेक्स करीब 6% चढ़कर कारोबार कर रहा है। वहीं हॉन्गकॉन्ग के इंडेक्स में 2% की तेजी है।
NSE के इंटरनेशनल एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला गिफ्टी निफ्टी भी 1.5% ऊपर है। ये बाजार के ऊपर खुलने का संकेत देता है।

निफ्टी 50 और सेंसेक्स के चार्ट ओवरसोल्ड RSI लेवल दिखा रहे हैं। इससे शॉर्ट-कवरिंग और नई खरीदारी की उम्मीद की जा रही है।

आपको बता दें कि अमेरिका का डाउ जोन्स 7 अप्रैल को 349 अंक (0.91%) गिरकर 37,965 पर बंद हुआ। वहीं, S&P 500 इंडेक्स में 0.23% की गिरावट रही। नैस्डेक कंपोजिट 0.09% चढ़ा था।
जापान के निक्केई में 7.83%, कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 5.57%, चीन का शंघाई इंडेक्स 7.34% गिरा है। हॉन्गकॉन्ग के हैंगसेंग इंडेक्स में 13.22% की गिरावट रही थी।
यूरोपीय बाजारों में जर्मनी का डैक्स इंडेक्स 4.26% गिरकर बंद हुआ। UK के FTSE 100 इंडेक्स में 4.38% और स्पेन का IBEX 35 इंडेक्स 5.12% गिरकर बंद हुआ था।
कल सेंसेक्स 2226 अंक और निफ्टी 742 अंक गिरा था

इसी तरह से भारतीय शेयर बाजार में 7 अप्रैल को साल की दूसरी बड़ी गिरावट आई। सेंसेक्स 2226 अंक (2.95%) गिरकर 73,137 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी में 742 अंक (3.24%) की गिरावट रही, ये 22,161 के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले 4 जून 2024 को बाजार 5.74% गिरा था।

शेयर बाजार में बिकवाली से निवेशकों की वेल्थ करीब 15 लाख करोड़ रुपए घट गई है। शुक्रवार, 4 अप्रैल को BSE पर लिस्टेड कंपनियों का ओवरऑल मार्केट कैप 404 लाख करोड़ रुपए था, जो सोमवार को बाजार बंद होने के बाद लगभग 389 लाख करोड़ रुपए रह गया है।

शेयर बाजार में स्थिरता की वजहः अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने 3 अप्रैल को दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाया था। भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, साउथ कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगेगा।

इस कदम ने टैरिफ वॉर शुरू कर दिया है। अमेरिका के टैरिफ के जवाब में चीन ने अमेरिका पर 34% जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। नया टैरिफ 10 अप्रैल से लागू होगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि अगर चीन अमेरिका पर लगाया गया 34% टैरिफ वापस नहीं लेता है तो उस पर बुधवार से 50% एडिशनल टैरिफ लागू होगा।

टैरिफ वॉर ने इकोनॉमिक स्लोडाउन की चिंता को बढ़ा दिया है। टैरिफ से सामान महंगा होने पर लोग कम खरीदारी करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है। साथ ही, मांग कम होने से कच्चे तेल की कीमतें भी गिरी हैं। ये कमजोर इकोनॉमिक एक्टिविटी का संकेत है।

अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर 10% बेसलाइन (न्यूनतम) टैरिफ लगाया गया है। बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल से लागू हो गया है। वहीं रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल को रात 12 बजे के बाद लागू होंगे। बेसलाइन टैरिफ व्यापार के सामान्य नियमों के तहत आयात पर लगाया जाता है, जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ किसी अन्य देश के टैरिफ के जवाब में लगाया जाता है।

भारतीय बाजार का हालः आपको बता दें कि बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी 4 अप्रैल को सेंसेक्स 930 अंक (1.22%) की गिरावट के साथ 75,364 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी में 345 अंक (1.49%) की गिरावट रही, ये 22,904 के स्तर पर बंद हुआ था। सेंसेक्स 3 अप्रैल को 322 अंक की गिरावट के साथ 76,295 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी में भी 82 अंक की गिरावट रही, ये 23,250 के स्तर पर बंद हुआ था।

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