नेपीदाः म्यांमार और थाईलैंड में विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सिर्फ म्यांमार में ही इसके कारण 150 लोगों ने जान गंवाई है, जबकि करीब साढ़े सात लोग घायल हुए हैं। म्यांमार में शुक्रवार सुबह 11:50 बजे भूंकप के जोरदार झटके महसूस किये गये। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 मापी गई। भूकंप के दौरान 30 से 35 मंजिलों के स्वीमिंग पूल से पानी झलकता दिखा। सड़कों पर दोपहिया वाहन और पैदल चल रहे लोग वहीं गिर पड़े। दीवारों पर झूमर, सीनरी झूलती दिखीं। होटल, घर, एयपोर्ट पर लोग डर और जान बचाने के लिए बेहताशा भागते दिखे।
म्यांमार के अलावा भूकंप के झटके भारत, थाईलैंड, बांग्लादेश और चीन समेत 5 पांच देशों में महसूस किए गए। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में अंडर कंस्ट्रक्शन 30 मंजिला इमारत गिर गई। इस साइट पर 400 लोग काम कर रहे थे। इनमें से 80 लोग लापता हैं, जबकि तीन लोगों की मौत हुई है।
इन पांच देशों के अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों लोग घबराकर घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। भारी तबाही के चलते थाईलैंड की प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने इमरजेंसी घोषित कर दी है।
अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप से होने वाली मौतों की आशंका को रेड कैटेगरी में रखा गया है। आपको बता दें कि रेड कैटेगरी में 10 हजार से एक लाख लोगों की मौतें तक हो सकती हैं, जिसकी संभावना 34 प्रतिशत यानी सबसे ज्यादा है।
म्यांमार, थाईलैंड, बांग्लादेश, भारत और दक्षिण-पश्चिम चीन समेत पांच देशों में असर देखा गया। यहां के कई इलाकों में तेज झटके महसूस किए गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोलकाता, इंफाल, मेघालय और ईस्ट कार्गो हिल में इसके झटके महसूस किए गए। बांग्लादेश में ढाका, चटगांव समेत कई हिस्सों में 7.3 तीव्रता के झटके आए। म्यांमार में 12 मिनट बाद फिर 6.4 तीव्रता का आफ्टरशॉक आया।
भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार के लिए 15 टन राहत सामग्री भेजी है। भारतीय वायुसेना के सी130जे विमान हिंडन वायुसेना स्टेशन से म्यांमार के लिए उड़ान भरी। सूत्रों के मुताबिक भूकंप प्रभावित म्यांमार में भेजी जा रही 15 टन राहत सामग्री में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल हैं।
म्यांमार में एतिहासिक शाही महल मांडले पैलेस के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं, सागाइंग क्षेत्र के सागाइंग टाउनशिप में एक पुल भूकंप में पूरी तरह नष्ट हो गया। राजधानी नेपीता के अलावा क्यौकसे, प्यिन ऊ ल्विन और श्वेबो में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इन शहरों की आबादी 50 हजार से ज्यादा है।
सागाइंग फॉल्ट की वजह से म्यांमार में आया भूकंपः म्यांमार में धरती की सतह के नीचे की चट्टानों में मौजूद एक बहुत बड़ी दरार है, जो देश के कई हिस्सों से होकर गुजरती है। यह दरार म्यांमार के सागाइंग शहर के पास से गुजरती है इसलिए इसका नाम सागाइंग फॉल्ट पड़ा। यह म्यांमार में उत्तर से दक्षिण की तरफ 1200 किमी तक फैली हुई है।
इसे ‘स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट’ कहते हैं, जिसका मतलब है कि इसके दोनों तरफ की चट्टानें एक-दूसरे के बगल से हॉरिजॉन्टल दिशा में खिसकती हैं, ऊपर-नीचे नहीं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे दो किताबें टेबल पर रखी हों और उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ स्लाइड किया जाए।
यह दरार अंडमान सागर से लेकर हिमालय की तलहटी तक जाती है और पृथ्वी की टेक्टॉनिक प्लेट्स के हिलने-डुलने से बनी है। भारतीय प्लेट उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रही है, जिससे सागाइंग फॉल्ट पर दबाव पड़ता है और चट्टानें बगल में सरकती हैं।
इसी सागाइंग फॉल्ट की वजह से म्यांमार में कई बड़े भूकंप आए हैं। इससे पहले 2012 में 6.8 तीव्रता का भूकंप आ चुका है। सागाइंग फॉल्ट के पास 1930 से 1956 के बीच 7 तीव्रता वाले 6 से ज्यादा भूकंप आए थे।
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