दिल्लीः इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रहा है और छह अप्रैल के नवमी के साथ इसका समापन होगा। नवरात्रि का पर्व माता दुर्गा की भक्ति और शक्ति उपासना का विशेष समय होता है। श्रद्धालु नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना करते हैं तथा धर्म और आध्यात्मिकता में लीन रहते हैं। देवी पुराण के अनुसार इस दौरान मां दुर्गा धरती पर वास करती हैं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो जाता है।

चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथि: इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से प्रारंभ होगी। वहीं 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी के साथ इसका समापन होगा। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ हिंदू नववर्ष का शुभारंभ भी होगा और गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाएगा।

दुर्गा माता के आगमन और प्रस्थान का वाहन: इस बार नवरात्रि का आरंभ और समापन दोनों रविवार को हो रहा है, जिससे मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और इसी पर प्रस्थान करेंगी। हाथी पर माता का आगमन बेहद शुभ माना जाता है, जो अच्छे वर्षा चक्र, समृद्धि और खुशहाली का संकेत देता है। मान्यता है कि देवी की सवारी से आने वाले समय की स्थिति का अंदाजा लगाया जाता है, जिसमें प्रकृति, कृषि और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव शामिल होते हैं।

कलश स्थापना मुहूर्त:

  • प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 29 मार्च 2025, शाम 4:27 बजे
  • प्रतिपदा तिथि समाप्त: 30 मार्च 2025, दोपहर 12:49 बजे
  • कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त: सुबह 6:13 बजे से 10:22 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक
    आपको बता दें कि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में करने से व्रत और पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है।

नवरात्रि का महत्व: नवरात्रि में माता की आराधना करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिससे भक्तों को शक्ति, ज्ञान और समृद्धि प्राप्त होती है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल नवरात्रि विशेष रूप से फलदायी होगी क्योंकि देवी का वाहन हाथी शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

 

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