संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः 30 मार्च को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष का प्रतिपदा है। आपको बता दें कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा को हिंदू नववर्ष के तौर पर मनाया जाता है। इस साल इस मौके पर दिल्ली विधानसभा दीयों की दूधिया रोशनी से जगमग होगा और प्रसिद्ध गायक एवं गीतकार कैलाश खेर तथा कैलासा बैंड शानदार प्रस्तुतियों से लोगों को झूमने के लिए मजबूर करेगा।
इस साल दिल्ली सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग ने चैत्र मास के शुक्ल के प्रतिपदा नव संवत्सर ‘हिंदू नव वर्ष’ को भव्य तरीके से मनाने का निर्णय लिया है। यह समारोह ‘विक्रम संवत 2082’ की शुरुआत का प्रतीक है, जो पारंपरिक हिन्दू चंद्र कैलेंडर युग है। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक एवं गीतकार कैलाश खेर और कैलासा बैंड द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 1,500 विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित किया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह दिल्ली विधानसभा परिसर में ही नहीं, बल्कि देश के किसी भी राज्य के विधानसभा में हिंदू नव वर्ष मौके पर पर आयोजित होने वाला यह सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। उन्होंने कहा, “हिन्दू नव वर्ष केवल तिथि का परिवर्तन नहीं है बल्कि नवीन ऊर्जा और जीवन शक्ति का प्रतीक है। किसान अपने घरों में नई फसलों का स्वागत करते हैं। यह त्योहार आर्थिक और सामाजिक महत्व रखता है, कृषक समुदाय का सम्मान करता है, जो हमेशा से हमारे राष्ट्र की रीढ़ है। यह हमारी संस्कृति और सभ्यता का उत्साह के साथ जश्न मनाने का एक खुशी का अवसर है, जो उनके पुनरुत्थान को सुनिश्चित करता है और हम सभी के जीवन में नवीन ऊर्जा को बढ़ावा देता है।”
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। वहीं विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट और कला एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान दिल्ली सरकार में शामिल सभी मंत्री तथा विधायक भी उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना है, साथ ही इसकी परंपराओं में निहित शाश्वत मूल्यों को सुदृढ़ करना है।
कपिल मिश्रा ने कहा, “यह पहली बार है, जब दिल्ली सरकार ‘हिंदू नव वर्ष’ को इतने व्यापक स्तर पर मना रही है। इस आयोजन की शुरुआत 30 मार्च को दिल्ली विधानसभा लॉन में एक भव्य कार्यक्रम से होगी, जिसमें संपूर्ण भवन को दीपों से सजाया जाएगा, ठीक उसी प्रकार जैसे दीपावली के अवसर पर किया जाता है।”
उन्होंने कहा कि नवरात्रि का पहला दिन होने के कारण इस अवसर पर ‘फलाहार’ कार्यक्रम का भी आयोजन आगंतुकों के लिए किया गया है, जिसमें व्रत रखने वाले श्रद्धालु फलाहार कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार पहली बार अन्य जगहों पर भी ‘फलाहार’ कार्यक्रमों का आयोजन भी करेगी, जिसमें व्रत रखने वाले श्रद्धालु फलाहार कर सकेंगे। यह आयोजन सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन आयोजित किए जायेंगे, जिसमें कन्या पूजन कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। गरीब तथा जरूरतमंद बालिकाओं को भोजन कराया जाएगा और देवी के नौ रूपों की विशेष पूजा अर्चना होगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार राम नवमी, हनुमान जन्मोत्सव और अम्बेडकर जयंती को भी भव्य स्तर पर मनाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा, “यह आयोजन भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं को सहेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और आगे भी हमारी सरकार संस्कृति जागरण के ऐसे कार्यक्रम आयोजन करती रहेगी। हम दिल्ली के सभी नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि दिल्ली के इतिहास में पहली बार होने जा रहे ‘फलाहार पार्टी’ के शुभ अवसर पर बढ़-चढ़कर भाग लें और इस सांस्कृतिक महोत्सव को सफल बनाएं।”
उन्होंने कहा कि दिल्ली अपनी कला, संस्कृति और इतिहास के लिए जानी जाती है। इसी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन दिल्ली सरकार भविष्य में भी करती रहेगी। दिल्ली के बजट में भी कला और संस्कृति पर विशेष ध्यान दिया गया है।
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