संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने शनिवार को अहम फैसले लिये। प्रदेश पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की समस्या को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें 15 साल से पुराने वाहनों को 31 मार्च के बाद से पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल नहीं देने का फैसला लिया गया।
बैठक के बाद सिरसा ने कहा कि सरकार वाहनों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठा रही है। बैठक में प्रमुख नीतिगत निर्णयों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें पुराने वाहनों पर प्रतिबंध, अनिवार्य ‘एंटी-स्मॉग’ उपाय और इलेक्ट्रिक सार्वजनिक परिवहन को अपनाना शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पेट्रोल पंप पर ऐसे उपकरण लगा रहे हैं, जो 15 साल से पुराने वाहनों की पहचान करेंगे और उन्हें ईंधन नहीं दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इस निर्णय के बारे में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय को सूचित करेगी। उन्होंने कहा कि पुराने वाहनों को ईंधन की आपूर्ति प्रतिबंधित करने के अलावा राष्ट्रीय राजधानी में सभी ऊंची इमारतों, होटलों और वाणिज्यिक परिसरों में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए ‘एंटी-स्मॉग गन’ लगाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन की लगभग 90 प्रतिशत सीएनजी बसों को दिसंबर 2025 तक हटा दिया जाएगा और उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन किया जाएगा, जो स्वच्छ और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन की दिशा में सरकार के प्रयास का हिस्सा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने आज फैसला किया है कि क्लाउड सीडिंग के लिए हमें जो भी अनुमति चाहिए, हम लेंगे और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जब दिल्ली में गंभीर प्रदूषण हो, तो क्लाउड सीड़िग के जरिए बारिश कराई जा सके और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। इसके लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा, जो ऐसे वाहनों की पहचान करेगी।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार दिल्ली में खाली जगहों पर पेड़-पौधे लगाएगी।

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