दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के समर्थन में भाषण दिया। पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान 1:35 घंटे बोले। इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिये गांधी परिवार, अरविंद केजरीवाल और विपक्ष के नेताओं के आरोपों के जवाब दिए। झुग्गियों में फोटो सेशन, विरासत की राजनीति, शीश महल, अर्बन नक्सल का उल्लेख किय। साथ ही राहुल गांधी ने विदेश नीति पढ़ने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने ये सभी बातें उन्होंने बिना किसी के नाम लिये हुए कही।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के प्रारंभ में कहा, “हम 2025 में हैं, एक प्रकार से 21वीं सदी का 25 फीसदी हिस्सा बीत चुका है। समय तय करेगा कि 20वीं सदी की आजादी के बाद और 21वीं सदी के प्रथम 25 साल में क्या हुआ, कैसे हुआ।”

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन को बारीकी से अध्ययन करेंगे तो साफ नजर आता है कि उन्होंने देश के सामने भविष्य के 25 वर्ष और विकसित भारत के लिए एक नया विश्वास जगाने वाली बात कही है।

वहीं, पीएम ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा, “पहले अखबारों की हैडिंग होती थी। इतने लाख के घोटाले, 10 साल हो गए ये घोटाले न होने से भी लाखों करोड़ रुपए बचे हैं। जो जनता की सेवा में लगे। हमने पैसों का इस्तेमाल शीश महल बनाने में नहीं किया, देश बनाने में किया है।”

वहीं उन्होंने केजरीवाल का केजरीवाल का नाम लिए बिना कहा, “हम जहर की राजनीति नहीं करते हैं। हम देश की एकता को सर्वोपरि रखते हैं और इसलिए सरदार पटेल का दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू बनाते हैं। उनका स्मरण करते हैं। वो जनसंघ के नहीं थे।”

आपको बता दें कि पीएम के इस बयान को अरविंद केजरीवाल के 27 जनवरी के उस आरोप से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था, “दिल्ली के लोगों को पीने के लिए पानी हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मिलता है। भाजपा की हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी को जहरीला कर दिया है।”

पीएम मोदी ने बिना नाम लिये राहुल गांधी पर हमला बोला और राष्ट्रपति के अभिभाषण को बोरिंग करे जाने को लेकर कहा, “जो झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें गरीबों की बात बोरिंग लगेगी आपको बता दें कि नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए कहा था कि इसमें कुछ नया नहीं था। राष्ट्रपति का भाषण बोरिंग था।

पीएम मोदी ने मंगलवार को इसका जवाब देते हुए कहा, ” कुछ नेताओं का फोकस घरों में जकूजी स्टाइलिश शॉवर्स पर है, लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने पर है। 16 करोड़ से ज्यादा घरों में जल का कनेक्शन नहीं था। हमने 05 साल में 12 करोड़ परिवारों को नल से जल देने का काम किया है। राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में विस्तार से वर्णन किया है। जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराकर अपना मनोरंजन करते रहते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी।”

वहीं जातिगत जनगणना की मांग पर पीएम मोदी ने कहा, “क्या कभी किसी SC-ST परिवार के तीन लोग एक साथ संसद में रहे हैं।  आपको बता दें कि राहुल गांधी सोमवार को लोकसभा में अपने भाषण में जाति जनगणना की मांग दोहराई थी। इसके जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा “पिछले 30 साल से OBC समाज के सांसद एक होकर ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने की मांग कर रहे थे। यह मांग हमने पूरी की। कोई मुझे बताए क्या एक ही समय में संसद में SC या ST वर्ग के एक ही परिवार के तीन सांसद हुए हैं क्या? PM ने यह तंज गांधी परिवार पर कसा। इस समय राहुल और प्रियंका लोकसभा में और उनकी मां सोनिया गांधी राज्यसभा में सांसद हैं।”

पीएम मोदी ने मंगलवार को राहुल गांधी के उस बयान का भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमें इंडियन स्टेट से लड़ना है। इसके जवाब में मोदी ने कहा कि कुछ नेता अर्बन नक्सल की भाषा बोल रहे है। आपको बता दें कि राहुल गांधी ने
15 जनवरी को कांग्रेस के नए कार्यालय के उद्घाटन के दौरान कहा था, “हमें इंडियन स्टेट के खिलाफ लड़ाई लड़नी है।” इसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, “देश का दुर्भाग्य है कि आजकल कुछ लोग अर्बन नक्सल की भाषा खुलेआम बोल रहे हैं। अर्बन नक्सल जिन बातों को बोलते हैं, इंडियन स्टेट के सामने मोर्चा लेना। ये अर्बन नक्सल की भाषा लेने वाले इंडियन स्टेट के खिलाफ लड़ाई की घोषणा करने वाले न इंडियन स्टेट को समझ सकते हैं न देश की एकता को।”

पीएम मोदी ने विदेश नीति को लेकर कहा कि कुछ लोग विदेश नीति पर ऐसे ही बात कर देते हैं, ताकि वे परिपक्व दिखें, भले ही उन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी न हो। उन्होंने कहा कि वह ‘जेएफके फोर्गोटेन क्राइसिस: तिबत’, ‘द सीआईए एंड द सिनो-इंडियन वॉर’ किताबों को पढ़ें।

आपकतो बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में विदेश नीति पर बात की थी।  मोदी ने कहा, “कुछ लोग विदेश नीति पर ऐसे ही बोल देते हैं, चाहे उन्हें इसके बारे में गहरी जानकारी न हो और चाहे इससे देश को कुछ भी नुकसान हो।”

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री के बाबा साहब भीम राव अंबेडकर को लेकर संसद में दिये बयान पर डैमेज कंट्रोल करने की भी कोशिश की। आपको बता दें कि शाह ने शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा था कि खड़गे जी दिनभर अंबेडकर-अंबेडकर करते हैं। इतना वे भगवान का नाम लेते तो स्वर्ग मिलता। इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था।

इसको लेकर पीएम ने कहा, “जो संविधान की बात करते हैं, उन्हें ज्यादा ज्ञान नहीं है। अंबेडकर ने पानी की योजनाओं को लेकर उनका विजन था। 100 से ज्यादा लटकी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया। नदियों को जोड़ने की वकालत अंबेडकर ने की, लेकिन दशकों तक कुछ नहीं हुआ। हमने केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट शुरू कर दिया।”

पीएम मोदी ने बिना नाम लिये पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी निशाना साधा और कहा, “हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे। उनको मिस्टर क्लीन कहलाने का फैशन हो गया था। उन्होंने कहा था दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो गांवों में 15 पैसा पहुंचता है। उस समय तो पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था। उस समय उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि एक रुपया निकलता है और 15 पैसा पहुंचता है। बहुत गजब की हाथ सफाई थी। 15 पैसा किसके पास जाता था ये देश का सामान्य आदमी भी आसानी से समझ सकता है।”

हमें और बढ़े लक्ष्य पार करके रहेंगे। ये तो अभी हमारी तीसरी ही टर्म है। हम देश की आवश्यकता के अनुसार आधुनिक भारत बनाने के लिए आने वाले अनेक वर्षों तक जुटे रहने वाले लोग हैं। मैं सभी दलों से आग्रह करता हूं कि अपनी अपनी राजनीतिक विचारधाराएं होंगे, लेकिन देश से बड़ा कुछ नहीं हो सकता है। मिलकर विकसित भारत के सपने को पूरा करेंगे। देश विकसित होगा, हमारे बाद की जो पीढ़ियां होंगी। कहेंगी कि 2025 में एक संसद थी, जिसका हर सांसद देश को विकसित बनाने के लिए काम कर रहा है।

06:39 PM
विकसित भारत का सपना सरकारी सपना नहीं, 140 करोड़ देशवासियों का सपना है। दुनिया में उदाहरण हैं। 20-25 साल के कालखंड में दुनिया के कई देश विकसित हुए। हमारे पास डेमोग्राफी है, डेमोक्रेसी है, डिमांड है तो हम क्यों नहीं बन सकते।

06:38 PM
2014 से पहले खिलौने जैसी चीजें इम्पोर्ट करते थे। आज छोटे उद्योग दुनिया में एक्सपोर्ट कर रहे हैं और खिलौने के आयात में कमी आई। खिलौनों के एक्सपोर्ट में 239 फीसदी की बढ़ोतरी आई है। इलेक्ट्रिकल सामान एक्सपोर्ट कर रहे हैं।

06:37 PM
एमएसएमई बहुत बड़ी संख्या में रोजगार लाता है। ये छोटे उद्योग आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक हैं। हमारा एमएसएमई सेक्टर योगदान दे रहा है। इन्हें सरलता, सहूलियत और संपर्क दे रहे हैं। मिशन मैन्युफैक्चिरिंग शुरू किया है। इसमें सुधार के लिए 2006 में इसके लिए एक क्राइटेरिया बना था। हमने 10 साल में इसे अपडेट करा। हर तरफ उन्हें आर्थिक सहायता दी जा रही है। कोविड के समय एमएसएमई को विशेष बल दिया गया। हमने खिलौना उद्योग को बढ़ावा दिया, कपड़ा उद्योग को कैश फ्लो की कमी नहीं होने दी। बिना किसी गारंटी लोन दिया। नौकरियां बढ़ीं। छोटे उद्योगों के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज की दिशा में कदम उठाए।
देश में करीब एक करोड़ गिग वर्कर्स

12 हजार इलेक्ट्रिक बसों ने देश में दौड़ाना शुरू कर दिया है। दिल्ली को भी ये सेवा दी गई है। बड़े शहरों में गिग इकोनॉमी बन रही है। लाखों युवा इसमें जुड़ रहे हैं। ई-श्रम पर ऐसे गिग वर्कर्स की रजिस्ट्री करवाएं, उनको आईडी कार्ड मिलेगा और उन्हें आयुष्मान का लाभ दिया जाएगा। अनुमान है कि देश में करीब एक करोड़ गिग वर्कर्स हैं।

06:32 PM
मेट्रो नेटवर्क थ्री टियर, टू टियर सिटीज में पहुंच रहा है। एक हजार किलोमीटर ये नेटवर्क पार कर गया है। आने वाले समय में एक हजार किलोमीटर और बढ़ेगा।

06:31 PM
हमारा प्रोसेस्ड सी फूड, जिसे लेकर कुछ लोगों को दर्द पता नहीं क्यों हुआ, बिहार का मखाना दुनिया में पहुंचने वाला है। मोटा अनाज दुनिया के बाजारों में भारत की शान बढ़ाएगा। विकसित भारत के लिए फ्यूचर रेडी शहर भी जरूरी हैं। हमारा देश तेजी से अर्बनाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार अवसरों का प्रसार होता है। कनेक्टिविटी से संभावनाएं बनती हैं। दिल्ली-यूपी को रोकने वाली पहली नमो रेल। जिसमें मैंने यात्रा की। आने वाले दिनों में हम भारत के सभी देशों में ऐसी कनेक्टिविटी लाएंगे।

06:30 PM
जो संविधान की बात करते हैं, उन्हें ज्यादा ज्ञान नहीं है। पानी की योजनाओं को लेकर अंबेडकर का विजन था। 100 से ज्यादा लटकी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया। नदियों को जोड़ने की वकालत अंबेडकर ने की, लेकिन दशकों तक कुछ नहीं हुआ। हमने केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट शुरू कर दिया। गुजरात में ऐसा मेरा सफल अनुभव रहा है। हर देशवासी का सपना होना चाहिए कि दुनिया की हर डाइनिंग टेबल पर मेड इन इंडिया फूड क्यों न हो। भारत की चाय और कॉफी आज दुनिया में महक पहुंचा रही है। हमारी हल्दी की सबसे ज्यादा मांग बढ़ी है।

06:29 PM
कोविड के बाद सप्लाई चेन खत्म हो गई। आज भारत सरकार को जो बोरा यूरिया का 3 हजार में मिलता है, सरकार ने बोझ झेला और किसान को 300 से भी कम रेट में दिया है। किसानों को सस्ती खाद मिले, इस एक काम के लिए 10 साल में 12 लाख करोड़ खर्च किया गया है। पीएम किसान सम्मान निधि को करीब साढ़े तीन लाख रुपए डायरेक्ट किसान के खाते में गए। बीते दशक से 3 गुना ज्यादा हमने खरीदी की है, एमएसपी बढ़ाई। सस्ते ऋण के लिए 3 गुना वृद्धि की गई। प्राकृतिक आपदा में किसानों को छोड़ दिया जाता था। योजना के तहत किसानों को 2 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं।

06:25 PM
विकसित भारत का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किए बिना पूरा नहीं हो सकता है। रूरल इकॉनमी के हर क्षेत्र को छूने का हमने प्रयास किया है। खेती-किसानी अहम है। किसान मजबूत स्तंभ है। खेती के बजट में हमने 10 गुना वृद्धि की है। आज जो लोग यहां किसान की बातें करते हैं, 2014 से पहले यूरिया मांगने पर लाठी मिलती थी। रात-रात कतारों में खड़ा रहना पड़ता था। वो जमाना था जब खाद किसानों के नाम पर निकलती थी, कहीं और कालाबाजारी होती थी। एक रुपया 15 पैसा वाला सफाई का खेल चलता था।

06:23 PM
राष्ट्रपति जी ने लखपति दीदी की चर्चा की। तीसरी सरकार बनने के बाद 50 लाख से ज्यादा लखपति दीदी की जानकारी हम तक पहुंची है। टोटल करीब सवा करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनी हैं। हमारा लक्ष्य 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाएंगे। देश के गांवों में ड्रोन दीदी की चर्चा होती है। मनोवैज्ञानिक बदलाव आया। महिलाओं के हाथ में ड्रोन देखकर गांववालों को उन्हें देखने का नजरिया बदला। आज ये लाखों रुपए कमाने लगी हैं। करोड़ों महिलाएं मुद्रा योजना लेकर उद्योगपति की भूमिका में आईं। 4 करोड़ परिवारों को घर दिए उनमें 75 फीसदी मकानों का मालिकाना हक महिलाओं को मिला है।

06:21 PM
राष्ट्रपति जी के भाषण के बाद, एक महिला, एक गरीब का सम्मान न कर सकें आपकी मर्जी है, लेकिन क्या-क्या कहकर उन्हें अपमानित किया जा रहा है। मैं राजनीतिक हताशा समझ सकता हू्ं, लेकिन एक राष्ट्रपति के खिलाफ? क्या कारण है? आज भारत इस प्रकार की विकृत मानसिकता को छोड़कर विमेन लेड डेवलपमेंट को लेकर आगे बढ़ रहा है। आधी आबादी को पूरा अवसर मिले तो भारत दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ सकता है। ये मेरा विश्वास है। पिछले 10 साल में सेल्फ हेल्प ग्रुप में 10 करोड़ नई महिलाएं जुड़ी हैं, ये वंचित परिवारों से हैं, ग्रामीण बैकग्राउंड से हैं। उनका सामाजिक स्तर ऊपर उठा, सरकार ने इनकी मदद 20 लाख तक बढ़ा दी है।

06:20 PM
राहुल का नाम लिए बिना जेएफके की फॉरगेटन क्राइसेस किताब पढ़ने की सला दी
यहां विदेश नीति की भी चर्चा हुई, कुछ लोगों को लगता है कि जब तक फॉरेन पॉलिसी न बोलें, तब तक मेच्योर नहीं लगेंगे। ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर सच में इस सब्जेक्ट में रुचि है और उसे समझना है, आगे जाकर कुछ करना है। मैं ऐसे लोगों से कहूंगा कि एक किताब जरूर पढ़ें, तब कब कहां क्या बोलना है समझ आ जाएगी। जेएफके की फॉरगेटन क्राइसेस किताब है। इसे प्रसिद्ध फॉरेन पॉलिसी स्कॉलर ने लिखी, अहम घटनाओं का जिक्र किया है। इसमें पहले पीएम नेहरू और अमेरिका के राष्ट्रपति जॉनएफ केनेडी के बीच की चर्चाओं का जिक्र है। जब देश चुनौतियों का सामना कर रहा था, तब विदेश नीति के नाम पर खेल हो रहा था। जरा ये किताब पढ़िए।

06:19 PM
संविधान की भावना बेहतर स्वास्थ्य मिलने की। आज कैंसर डे भी है। कुछ लोग हैं, जो गरीब को, बुजुर्गों को आरोग्य की सेवाएं मिलने में अड़ंगे डाल रहे हैं राजनीतिक स्वार्थ्य के कारण। कुछ राजनीतिक दलों ने अपने संकुचित मानस के कारण कुनीतियों के कारण गरीबों के लिए अस्पतालों के दरवाजे बंद करके रखे हुए हैं। इसका नुकसान कैंसर मरीजों को उठाना पड़ा। पिछले दिनों लैंसेट की स्टडी आई, उसका कहना है कि आयुष्मान से समय पर कैंसर का इलाज शुरू हो रहा है, सरकार कैंसर की जांच कराने के संबंध में बहुत गंभीर है। लैंसेट ने आयुष्मान को क्रेडिट देते हुए कहा कि भारत में इस दिशा में बहुत बड़ा काम हुआ। बजट में भी हमने कैंसर दवाइयों को सस्ता करने की दिशा में अहम कदम उठाया है। एक फैसला लिया है, 200 डे केयर सेंटर बनाने का फैसला लिया गया है।

06:13 PM
पिछले 10 साल में हर सप्ताह एक नई यूनिवर्सिटी बनी है। हर दिन एक नई आईटीआई बनी। हर 2 दिन में एक नया कॉलेज खुला है। एससी-एसटी-ओबीसी युवाओं के लिए कितनी वृद्धि हुई है। हम हर योजना के पीछे लगे, 100 फीसदी लागू कर रहे हैं। एक रुपया और 15 पैसे वाला खेल नहीं चल सकता। कुछ लोगों ने तुष्टीकरण किया। एक को दो दूसरे को तरसाओ। हमने तुष्टीकरण नहीं संतुष्टीकरण का रास्ता चुना। हर समाज और हर वर्ग के लोगों को बिना भेदभाव उनके हक का देने का काम किया।

06:12 PM
एकता की भावना को बरकरार रखते हुए वंचितों का कल्याण कैसे होता है, इसका उदाहरण देता हूं। 2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 थी, आज 780 मेडिकल कॉलेज हैं। अब मेडिकल कॉलेज बढ़े तो सीटें भी बढ़ीं। 2014 से पहले हमारे देश में एससी छात्रों की एमबीबीएस की सीट 70700 थीं। आज संख्या बढ़कर एससी समाज के 17000 एमबीबीएस डॉक्टर बन सकेंगे। 2014 के पहले एसटी छात्रों के लिए एमबीबीएस की सीटें 3800 थीं, आज करीब 9 हजार है। 2014 के पहले ओबीसी की छात्रों के लिए 14 हजार से भी कम सीटें थीं। आज लगभग 32 हजार हो गई हैं।

06:11 PM
हर सेक्टर में एससी, एसटी, ओबीसी के अवसरों के लिए हमने काम किया। कोई मुझे बताए क्या एक ही समय में संसद में एससी वर्ग के एक ही परिवार के तीन सांसद हुए हैं क्या? दूसरा सवाल- कोई बताए कि एक ही कालखंड में संसद में एसटी वर्ग के एक ही परिवार के तीन एमपी हुए हैं क्या? कुछ लोगों की वाणी और व्यवहार में कितना फर्क होता है, मेरे एक सवाल के जवाब में ये दिख जाएगा। जमीन-आसमान का अंतर होता है। हम एससी-एसटी समाज को कैसे सशक्त कर रहे हैं।

06:10 PM
कुछ लोगों के लिए जाति की बात करना फैशन हो गया है। पिछले 30 साल से सदन में आने वाले ओबीसी समाज के सांसद एक होकर मांग कर रहे थे कि ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया जाए। जिन लोगों को आज जातिवाद में उन्हें उस वक्त ओबीसी की याद नहीं आई। हमने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। पिछड़ा वर्ग आयोग आज संवैधानिक व्यवस्था बन गया।

06:01 PM
संविधान भेदभाव का अधिकार नहीं देता। जो संविधान को जेब में लेकर घूमते हैं, उन्होंने मुस्लिम बेटियों को कैसी स्थिति में जीने को मजबूर कर दिया था। हमने उन बेटियों को समानता का अधिकार दिया। जब भी देश में एनडीए की सरकार रही, हमने लंबे विजन के साथ काम किया है। पता नहीं देश बांटने के लिए कैसी भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन हमारी सोच कैसी है। एनडीए के साथी किस दिशा में सोचते हैं। हमारे लिए जो आखिरी हैं, मंत्रालयों की रचना करते हैं पूर्वोत्तर के लिए अलग मंत्रालय बनाते हैं, आदिवासी मंत्रालय बनाया, फिशरीज के लिए अलग मंत्रालय बनाया।

05:59 PM
देश का दुर्भाग्य है कि आजकल कुछ लोग अर्बन नक्सल की भाषा खुलेआम बोल रहे हैं। अर्बन नक्सल जिन बातों को बोलते हैं, इंडियन स्टेट के सामने मोर्चा लेना। ये अर्बन नक्सल की भाषा बोलने वाले इंडियन स्टेट के खिलाफ लड़ाई की घोषणा करने वाले न इंडियन स्टेट को समझ सकते हैं न देश की एकता को। 7 दशक तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को संविधान के अधिकारों से वंचित रखा गया। ये अन्याय है। हमने आर्टिकल 370 की दीवार गिरा दी। उन राज्यों को देशवासियों जैसे अधिकार दे हैं।

05:56 PM
जब सत्ता सेवा बन जाए तो राष्ट्र निर्माण होता है। जब सत्ता को विरासत बना दिया जाए, तब लोकतंत्र खत्म हो जाता है। हम जहर की राजनीति नहीं करते हैं। हम देश की एकता को सर्वोपरि रखते हैं और इसलिए सरदार पटेल का दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू बनाते हैं। उनका स्मरण करते हैं। वो जनसंघ के नहीं थे।

05:54 PM
हमने इसके लिए कानून भी बनाया और आज इलेक्शन कमीशन बनता है तो अपोजिशन लीडर उस प्रक्रिया में शामिल होता है। पहले ही कहा कि संविधान को जीते हैं। दिल्ली में आपको कई स्थान ऐसे मिलेंगे, जहां कुछ परिवारों ने अपने म्यूजियम बनाकर रखे हैं। जनता के पैसों से काम हो रहा है, लोकतंत्र की आत्मा क्या होती है। हमने पीएम म्यूजियम बनाया। देश के पहले से लेकर मेरे पूर्व तक के सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन और कार्य को दिखाय गया है। मैं तो चाहूंगा कि इस म्यूजियम में जो महापुरुष हैं, उनके परिवारों को देखना चाहिए। लगे कि कुछ जोड़ना है तो बताना चाहिए। अपने लिए तो सब करते हैं, संविधान के लिए जीने वाले यहां बैठे हैं।

05:52 PM
2014 में जब आए तब मान्य विपक्ष नहीं था। उतने अंक भी लेकर कोई नहीं आया था, अनेक कानून ऐसे थे हमें पूरी स्वतंत्रता थी। हमारा संविधान को मानने का चरित्र था, हमने तय किया कि भले विपक्ष नहीं होगा, लेकिन जो सबसे बड़े दल का नेता है, उसे मीटिंग में बुलाएंगे। ये लोकतंत्र की आत्मा होती है, तब होता है।

05:51 PM
राष्ट्रपति जी ने स्पीच पर हमारे संविधान के 75 वर्ष होने पर भी चर्चा की। संविधान में जो धाराएं हैं, उसके साथ-साथ संविधान की एक आत्मा भी है। संविधान को मजबूती देने के लिए उसकी भावना को जीना पड़ता है। मैं आज उदाहरण के साथ बताऊंगा। हमारे यहां परंपरा है कि राष्ट्रपति के उद्बोधन पर सरकार का ब्योरा होता है। ऐसे ही गवर्नर राज्य के काम का ब्योरा देते हैं। गुजरात के 50 साल हुए। मैं सीएम था, हमने एक निर्णय किया कि इस गोल्डन जुबली ईयर में जितने भी गवर्नर के भाषण हुए, सबको ही एक पुस्तक के रूप में तैयार किया जाए। आज सभी लाइब्रेरी में वो ग्रंथ है। मैं तो भाजपा वाला था, ज्यादातर कांग्रेस की सरकारें थीं, उसे भी प्रसिद्ध कराने का काम भाजपा का मुख्यमंत्री कर रहा था। हम संविधान को समर्पित हैं, उसे जीना जानते हैं, उसकी आत्मा को समझते हैं।

05:48 PM
बजट में हमने डीपटेक के डोमेन में इन्वेस्टमेंट की बात कही। ये हमारे लिए तेज गति से आगे बढ़ने के लिए है। 21वीं सदी टेक्नोलॉजी ड्रिवेस सेंचुरी है। भारत को इस क्षेत्र में आगे बढ़ना होगा। हम लगातार युवा भविष्य को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं। कुछ दल हैं जो लगातार युवाओं के साथ धोखा कर रहे हैं। ये दल चुनाव के दरम्यान ये पत्ता देंगे वो पत्ता देंगे। वादा तो करते हैं, लेकिन पूरा नहीं करते। ये दल युवाओं के भविष्य पर आपदा बनकर गिरे हैं। हम कैसे काम करते हैं, ये हरियाणा में अभी देश ने देखा है। बिना पर्ची-बिना खर्ची। नौकरी देने का वादा किया था। सरकार बनते ही नौकरी मिल गई नौजवानों को। हम जो कहते हैं, उसी का परिणाम है। हरियाणा में तीसरी बार भव्य विजय। हरियााणा के इतिहास में तीसरी बार विजय ऐतिहासिक घटना है। महाराष्ट्र में भी ऐतिहासिक परिणाम।

05:45 PM
एआई, थ्रीडी प्रिंटिंग, रोबोटिक्स, वर्चुअल रियलटी की चर्चा। हम तो गेमिंग का महात्म्य क्या है, इसके लिए भी प्रयास करते हैं। क्रिएटिविटी वर्ल्ड का कैपिटल भारत क्यों न बने। एआई शब्द फैशन में है तो कुछ लोग बोलते हैं। मेरे लिए डबल एआई है।।एक एआई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, दूसरा एस्पिरेशनल इंडिया। हमने स्कूलों में 10 हजार टिंकरिंग लैब बनाए। उसमें से निकले बच्चे रोबोट बनाकर चकित कर रहे हैं। इस बजट में 50 हजार टिंकरिंग लैब्स का प्रावधान किया गया।

05:43 PM
जिन्होंने तब 21वीं सदी की बातें की थीं, वो 20वीं सदी की जरूरतों को भी पूरा कर नहीं पाए। हम 40-50 साल लेट हैं। जो काम पहले हो जाने चाहिए, वो नहीं हुए। 2014 से जनता ने मौका दिया हमने ज्यादा से ज्यादा युवाओं पर फोकस किया। हमें युवाओं की आकांक्षाओं पर बल दिया। हमने ज्यादा अवसर बनाए। कई क्षेत्रों को खोल दिया और देश के युवा अपने सामर्थ्य का परचम लहरा रहे हैं। स्पेस सेक्टर खोला, डिफेंस को खोला, सेमीकंडक्टर मिशन लेकर आए, इनोवेशन के लिए योजनाएं लाए, स्टार्टअप इंडिया, इकोसिस्टम डेवलप किया। इस बजट में भी अहम फैसला हुआ। 12 लाख की आय पर इनकम टैक्स की माफी इतना बड़ा समाचार बना कि अहम फैसले पर ध्यान नहीं दिया। हमने न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर को ओपन कर दिया। इसका असर आगे देखने को मिलेगा।

05:40 PM
अध्यक्ष जी, आप जब युवा मोर्चा में थे तब एक बात पढ़ते सुनते होंगे। एक पीएम 21वीं सदी बोलते थे। उस वक्त आरके लक्ष्मण ने कार्टून बनाया था। इंट्रेस्टिंग था। उसमें एक हवाई जहाज आया, एक पायलट है, कुछ पैसेंजर थे, हवाई जहाज ठेले पर रखा हुआ था और मजदूर ठेले को धक्का मार रहे थे और 21वीं सदी लिखा था। आगे चलकर वो सच सिद्ध हो गया। ये कटाक्ष था जमीनी सच्चाई से तब के प्रधानमंत्री कितने दूर थे। हवाई बातों में लगे थे, ये उसका प्रदर्शन करने वाला कार्टून था।

05:36 PM
ज्यादा गिन नहीं रहा हूं, लेकिन ऐसी अनेक योजनाओं ने आम जनता के खर्च में बचत की है। मुफ्त अनाज, उससे भी परिवार के पैसे बचते हैं, पीएम सूर्य घर योजना, इससे पैसे बच भी रहे हैं और आमदनी भी हो रही है। एलईजी बल्ब का अभियान चलाया, 400 में बिकते थे और आज कीमत 40 रुपए हो गई। 20 हजार करोड़ रुपए देशवासियों के बचे हैं। जिन किसानों ने सॉइल हेल्थ कार्ड का उपयोग किया, उन्हें प्रति एकड़ 30 हजार रुपए की बचत हुई है। 10 साल में इनकम टैक्स को कम करके भी मिडिल क्लास की बचत को बढ़ाने का काम किया है। 2014 के पहले ऐसे बम-गोले फेंके गए, बंदूक की ऐसी गोलियां चलाई गईं कि देशवासियों का जीवन छलनी कर दिया था। हमने धीरे-धीरे घाव भरे। 2 लाख रुपए पर इनकमटैक्स माफी थी और आज 12 लाख रुपए टैक्स फ्री हैं। स्टैंडर्ड डिडक्शन उसके अगर 75 हजार जोड़ दें तो पहली अप्रैल के बाद देश में सेलरीड क्लास के 12.75 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होगा।

05:32 PM
हमने पैसों का इस्तेमाल शीशमहल बनाने में नहीं किया, देश बनाने में किया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर का बजट 1.80 लाख करोड़ था। आज 11 लाख करोड़ रुपया बजट है। सरकारी खजाने में बचत हुई वो तो एक बात है, हमने इस बात पर भी ध्यान रखा कि जन सामान्य को भी बचत का लाभ मिलना चाहिए। आपने देखा होगा कि आयुष्मान भारत योजना, बीमारी के कारण आम आदमी को होने वाला खर्च करीब देश में एक लाख 20 हजार करोड़ रुपए जनता के बचे हैं। जनऔषधि केंद्र में 80 फीसदी डिसकाउंट होता है। जनता के 30 हजार करोड़ रुपए बचे हैं।

05:28 PM
हमने इथेनॉल ब्लेंडिंग का फैसला लिया। हम एनर्जी इंडिपेंडेंट नहीं हैं। बाहर से लाना पड़ता है। पेट्रोल-डीजल की आय कम हुई। इस फैसले से एक लाख करोड़ रुपए का फर्क पड़ा है। ये पैसा किसानों की जेब में गया है। मैं बचत की बात कर रहा हूं, लेकिन पहले अखबारों की हैडिंग होती थी। इतने लाख के घोटाले, 10 साल हो गए ये घोटाले न होने से भी लाखों करोड़ रुपए बचे हैं। जो जनता की सेवा में लगे।

05:27 PM
सरकारी खरीद में ट्रांसपेरेंसी लगाए और जैम पोर्टल से कम पैसों में खरीदी हुई। सरकार के एक लाख 15 करोड़ रुपए की बचत हुई। स्वच्छता अभियान का मजाक उड़ाया गया, जैसे पाप कर दिया हो। आज संतोष से कहना है कि सफाई के कारण हाल के वर्षों में सिर्फ सरकारी दफ्तरों से जो कबाड़ बेचा गया उसमें 2300 करोड़ मिले। गांधी ट्रस्टी शिप का सिद्धांत देखते हैं। स्वच्छता अभियान से कबाड़ बेचकर 2300 करोड़ रुपए कबाड़ बेचकर आ रहा है।

05:25 PM
जिनका जन्म नहीं हुआ था, जो भारत की इस धरती पर अवतरित नहीं हुए थे ऐसे 10 करोड़ फर्जी लोग सरकारी खजानों से योजनाओं का फायदा ले रहे थे। सही को अन्याय न हो इसलिए हमने इस 10 करोड़ फर्जी नामों को हटाया। असली लाभार्थियों को खोजकर उन तक मदद पहुंचाने का अभियान चलाया। ये 10 करोड़ फर्जी लोग जब हटे और योजनाओं का हिसाब लगाएं तो करीब 3 लाख करोड़ रुपया गलत हाथों में जाने से बच गया। हाथ किसका था ये नहीं कह रहा हूं। गलत हाथों में जाने से बच गया।

05:23 PM
देश ने मौका दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। बचत भी और विकास भी हमारा मॉडल है। जनता का पैसा जनता के लिए। हमने जन-धन, आधार, मोबाइल की जेम ट्रिनिटी बनाई। डीबीटी से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर देना शुरू किया। हमने 40 लाख करोड़ रुपया सीधा जनता के खाते में जमा किया। इस देश का दुर्भाग्य देखिए सरकारें कैसी चलाई गईं। किसके लिए चलाई गईं। जब ज्यादा बुखार चढ़ जाता है तब लोग कुछ भी बोलते हैं। ज्यादा हताशा फैल जाती है तब भी बहुत कुछ बोलते हैं।

05:21 PM
उनका गुस्सा समझ सकता हूं। समस्या की पहचान करना एक बात है, अगर जिम्मेवारी है तो समस्या की पहचान करके छिप नहीं सकते। उसके समाधान के लिए समर्पित भाव से लग जाना होता है। हमारा प्रयास समस्या के समाधान का रहता है। हम समर्पित भाव से प्रयास करते हैं। हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे। उनको मिस्टर क्लीन कहने का फैशन हो गया था। उन्होंने कहा था दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो गांवों में 15 पैसा पहुंचता है। उस समय तो पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था। उस समय उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि एक रुपया निकलता है और 15 पैसा पहुंचता है। बहुत गजब की हाथ सफाई थी। 15 पैसा किसके पास जाता था ये देश का सामान्य आदमी भी आसानी से समझ सकता है।

05:18 PM
आज कल मीडिया में जरा ज्यादा ही चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया में और ज्यादा हो रही है। कुछ नेताओं का फोकस घरों में जकूजी पर स्टाइलिश शॉवर्स पर लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने पर है। आजादी के 75 साल के बाद देश में 75 फीसदी करीब 16 करोड़ से ज्यादा घरों के पास जल का कनेक्शन नहीं था। हमारी सरकार ने 5 साल में 12 करोड़ परिवारों को नल से जल देने का काम किया है। काम तेजी से आगे भी बढ़ रहा है। हमने गरीबों के लिए इतना काम किया। इसके कारण राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में विस्तार से वर्णन किया है। जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराकर अपना मनोरंजन करते रहते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी।

05:17 PM
मुझे दुख के साथ कहना है कि बारिश के दिनों में कच्ची छत, प्लास्टिक की चादर वाली छत के नीचे जीवन गुजारना कितना मुश्किल होता है। ये हर कोई नहीं समझ सकता। अब तक गरीबों को 4 करोड़ घर मिले हैं। जिसने उस जिंदगी को जिया है, उसे समझ होती है कि पक्की छत वाले घर का मतलब क्या होता है। एक महिला जब खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हो जाती है। या तो सूर्योदय के पहले जाती है, या सूर्यास्त के बाद जाती है। तब उसे क्या तकलीफ होती थी, ऐसे लोग समझ नहीं सकते हैं। हमने 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर बहनों की मुश्किलें दूर कीं।

05:15 PM
जमीन पर जीवन खपाते हैं तब जमीन पर बदलाव निश्चित होता है। हमने गरीबों को झूठे नारे नहीं, सच्चा विकास दिया है। गरीब का दुख, सामान्य आदमी की तकलीफ, मिडिल क्लास के सपने ऐसे ही नहीं समझे जाते हैं। इसके लिए जज्बा चाहिए।

05:11 PM
राष्ट्रपति जी का उद्भोदन विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देने वाला है, नया विश्वास पैदा करने वाला है और जन सामान्य को प्रेरित करने वाला है। सारे अध्ययन बार-बार यह कह चुके हैं कि बीते 10 साल में देश ने सेवा करने का मौका दिया। 25 करोड़ देशवासी गरीबी को परास्त करके गरीबी से बाहर आए हैं। सभापति जी 5 दशक तक गरीबी हटाओ के नारे सुने होंगे और अब 25 करोड़ गरीब गरीबी को परास्त कर बाहर निकले हैं। ये ऐसे ही नहीं हुआ। योजनाबद्ध तरीके से समर्पित भाव से जब गरीबों के लिए जीवन खपाते हैं तब यह होता है।

 

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