दिल्लीः IAF यानी इंडियन एयरफोर्स के ऑफिसर शुभांशु शुक्ला को शुभांशु ISS यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे। उन्हें नासा के Ax4 यानी एग्जियम मिशन 4 के लिए पायलट चुना गया है। वे जल्द ही स्पेस एक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाएंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मिशन 14 दिन तक चलेगा। इसके तहत रिसर्च की जाएगी। शुभांशु इसरो के मिशन गगनयान के लिए ट्रेनिंग ले रहे है। मिशन की कमांड पैगी व्हिटसन संभालेंगी और शुभांशु पायलट होंगे। इनके साथ मिशन स्पेशलिस्ट स्लावोज उजनांस्की-विश्निवस्की और तिबोर कापू अप्रैल और जून 2025 के बीच एग्जियम मिशन-4 पर जाएंगे।
कमांडर पैगी व्हिटसन- पैगी ने Ax-2 मिशन की कमांडर के रूप में काम किया है। पैगी ने नासा के एक मिशन में 675 दिन काम किया हैं। वे अमेरिका की सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं। पायलट शुभांशु शुक्ला- शुभांशु भारतीय वायुसेना में पायलट हैं। उन्हें इसरो के गगनयान मिशन के लिए चुना गया है। यह भारत का अंतरिक्ष में पहला मैन्ड मिशन है।
मिशन स्पेशलिस्ट स्लावोज उज्नान्सकी-विज्निएव्स्की- पोलैंड के स्लावोज CERN के इंजीनियर रह चुके हैं। स्लावोज यूरोपियन स्पेस एजेंसी के एस्ट्रोनॉट रिजर्व क्लास ऑफ 2022 के सदस्य हैं।
मिशन स्पेशलिस्ट तिबोर कापू- कापू हंगरी के एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं, जो स्पेस रेडिएशन प्रोटेक्शन में महारत रखते हैं। 2023 में वे HUNOR (हंगेरियन-टु-ऑर्बिट) के लिए चुने गए थे।
नाम के ऐलान के साथ ही एग्जियम मिशन 4 पर नासा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें पायलट शुभांशु ने कहा कि जो मिशन आ रहा है उसमें मैं अपने साथ कुछ इंडियन फूड लेकर जाऊंगा, जो अपने साथियों को भी खिलाऊंगा। अंतरिक्ष में योग भी करुंगा। वहां की तस्वीरें लाऊंगा, ताकि भारतवासियों को गर्व का मौका मिले।
Axiom Mission 4 का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में अनुसंधान और प्रयोगों को बढ़ावा देना है. यह मिशन नासा और इसरो के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा और भारत को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशनों में प्रमुख भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करेगा. इस मिशन में शामिल होने के साथ ही शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में निजी यात्रा करने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे. यह कदम भविष्य में अंतरिक्ष में वाणिज्यिक और वैज्ञानिक अभियानों के लिए नए द्वार खोलेगा.
आपको बता दें कि ISS का पहला प्राइवेट अंतरिक्ष यात्री मिशन, एग्जियम मिशन 1 अप्रैल 2022 में लॉन्च किया गया था, जो ऑर्बिटिंग लैब में 17 दिनों तक रहा। दूसरा एग्जियम मिशन 2, मई 2023 में भेजा गया था। इस मिशन ने ISS पर आठ दिन बिताए। एग्जियम मिशन 3, जनवरी 2024 में लॉन्च किया गया था। इसने स्टेशन पर 18 दिन बिताए। एग्जियम मिशन 4 के लिए 14 दिन का समय तय किया गया है।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। उन्होंने 2006 में भारतीय वायुसेना के फाइटर विंग में कमीशन प्राप्त किया। वे एक अनुभवी टेस्ट पायलट हैं और उनके पास 2,000 से अधिक उड़ान घंटों का अनुभव है। वे विभिन्न प्रकार के लड़ाकू और परिवहन विमानों जैसे Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier और An-32 पर उड़ान भर चुके हैं। मार्च 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन के पद पर पदोन्नत किया गया। इसके अलावा शुभांशु शुक्ला भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए भी बतौर अंतरिक्ष यात्री चुने गए हैं।
Axiom Mission 4 का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में अनुसंधान और प्रयोगों को बढ़ावा देना है। यह मिशन नासा और इसरो के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा और भारत को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशनों में प्रमुख भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करेगा। इस मिशन में शामिल होने के साथ ही शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में निजी यात्रा करने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे। यह कदम भविष्य में अंतरिक्ष में वाणिज्यिक और वैज्ञानिक अभियानों के लिए नए द्वार खोलेगा।
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