प्रयागराजः उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तट मची भगदड़ में 40 लोगों की मौत होने की सूचना है। हालांकि सरकार ने इस हादसे के 17 घंटे बाद 30 लोगों की मौत की होने की पुष्टि की। महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद और DIG वैभव कृष्णा ने शाम 6.30 बजे तीन मिनट के संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
DIG कहा, “भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई। 60 लोग घायल हैं। 25 शवों की पहचान कर ली गई है। मरने वालों में यूपी के सबसे ज्यादा 19, कर्नाटक के 04, गुजरात और असम के क्रमशः एक-एक श्रद्धालु शामिल हैं।”
उन्होंने कहा, ” घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए, जिसकी वजह से जमीन पर सो रहे कुछ श्रद्धालुओं पर लोग चढ़ गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई। 29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई वीआईपी प्रोटोकाल नहीं होगा।”
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा, ” जो श्रद्धालु महाकुंभ में आएं हैं, उन्हें वापस भेजने के लिए काम किया जा रहा है। अब सवाल न करें।”
यह हादसा मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे हुआ। उस समय लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान के लिए इंतजार कर रहे थे।
भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में एंट्री करने वाले 8 पॉइंट-भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, मिजापुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। सभी व्हीकल पास रद्द कर दिए गए हैं। यानी मेले में एक भी गाड़ी नहीं चलेगी। रास्ते को वन-वे कर दिया गया है। एक रास्ते से आए श्रद्धालुओं को स्नान के बाद दूसरे रास्ते से भेजा जा रहा है। शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। मेला क्षेत्र में यह व्यवस्था 4 फरवरी तक लागू रहेगी।
महाकुंभ डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा, ” अफरातफरी की वजह से मौतें हुई हैं। इसमें 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, जबकि 90 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। 25 शवों की पहचान कर ली गई है।”
कुंभ मेला SSP राजेश द्विवेदी ने कहा, “कोई भगदड़ नहीं हुई, अत्यधिक भीड़भाड़ थी, जिसके कारण कुछ श्रद्धालु घायल हो गए। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। मेरी श्रद्धालुओं से अपील है कि जो घाट उनके लिए खुले हैं, वहां आराम से स्नान करें। अमृत स्नान जल्द ही शुरू होने वाला है और यह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होगा। कई घाट विकसित किए गए हैं। लोग सुगमता से वहां स्नान कर रहे हैं।”
यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा, ‘श्रद्धालु जहां जगह हो वहीं स्नान करें। जहां इतनी बड़ी भीड़ होती है, इतना बड़ा प्रबंधन होता है, ऐसी छोटी-मोटी घटना हो जाती है।
प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर बुधवार देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।
अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इस कारण संगम पर लाखों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। इस दौरान बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ मच गई।
संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।
PM नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने कहा, ” मैं उत्तर प्रदेश सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हूं। करोड़ों श्रद्धालु आज वहां पहुंचे हैं, कुछ समय के लिए स्नान की प्रक्रिया में रुकावट आई थी, लेकिन अब कई घंटों से सुचारू रूप से लोग स्नान कर रहे हैं।”
वहीं, उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा-श्रद्धालु संगम पर ही स्नान करने की न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, वे जहां हैं उसी तट पर स्नान करें।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए।
एक श्रद्धालु ने बताया कि जाने-आने की व्यवस्था खराब थी। सरकार को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए थी कि एक साइड से लोग आए और एक साइड से लोग जाए। अगर इस तरह की व्यवस्था होती तो शायद ये अव्यवस्था न होती। जब लोग आमने-सामने आने लगे तो एक दूसरे रौंदने लगे। इसी ये भगदड़ हुई। इधर हम लोग जा रहे थे, उधर से वो स्नान करके आ रहे थे। वहां पर पुलिस वाले नहीं थे। आगे बैरियर पर केवल दो से तीन पुलिस वाले ड्यूटी पर तैनात थे। सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रयागराज में बुधवार को 9 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंचे। इसके बाद भी लगातार लोगों के आने का सिलसिला जारी है। भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने प्रयागराज में आने वाले 8 एंट्री पॉइंट को बंद कर दिया।
- भदोही: वाराणसी बॉर्डर पर 20 किमी लंबा जाम
- चित्रकूट बॉर्डर: 10 किमी लंबा जाम है।
- कौशांबी बॉर्डर: सड़क से पार्किंग तक 50 हजार से ज्यादा वाहन रोके गए
- फतेहपुर-कानपुर बॉर्डर: यहां भी वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं।
- प्रतापगढ़ बॉर्डर: 40 हजार वाहनों को रोका गया।
- जौनपुर बॉर्डर: जौनपुर जिले के बदलापुर में पुलिस ने प्रयागराज जाने वाली सभी बसों को रोक दिया है।
- मिजापुर बॉर्डर: यहां भी गाड़ियों की लंबी लाइन देखी गई।
- रीवा बॉर्डर: 50 हजार वाहनों को रोका गया है।