संवाददाताः संतोष कुमार दुबे

दिल्लीः पंजाब के अमृतसर में बाबा साहब भीम राव अंबेडर की प्रतिमा तोड़े जाने को लेकर दिल्ली में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन किया। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को अरविंद केजरीवाल के घर की ओर बढ़ रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और उन्हें मंदिर मार्ग थाने लेकर गई।

इस मुद्दे पर दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और सांसद योगेन्द्र चंदोलिया के साथ जब बीजेपी कार्यकर्ता  केजरीवाल के घर की ओर बढ़ रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस हिरासत में लिये गये बीजेपी कार्यकर्ताओं को मंदिर मार्ग थाने ले गयी, जहां से उन्हें बाद में रिहा कर दिया।

सचदेवा ने संवाददाताओं को कहा कि कल हिंदुस्तान जब अपना 76वां गठतंत्र दिवस मना रहा था, उस वक्त पंजाब के अमृतसर में कोतवाली थाने के सामने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 30 फीट की मूर्ति पर हथौड़े से कुठाराघात किया गया। यह साफ जाहिर करता है कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ना सिर्फ देश विरोधी है, बल्कि दलित विरोधी भी है।

उन्होंने कहा कि एक पुलिस थाने के सामने सीढ़ियां लगाकार इतनी ऊंची बाबा साहब की मूर्ति पर आराम से चढ़ता है, अपने हाथ में हथौड़ा लेता है और आराम से प्रतिमा पर प्रहार करता है, लेकिन वहां ठीक सामने पंजाब पुलिस मूक दर्शक बनकर इस आश्चर्य जनक घटना को देखती रही।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार यानी केजरीवाल की सहमति के बिना इतना बड़ा हमला नहीं हो सकता था। पंजाब सरकार वहां हाथ बांधकर बैठी रही है।

वहीं, चंदोलिया ने इस पूरे मुद्दे के खिलाफ एक पत्र श्री केजरीवाल को लिखा है।
उन्होंने पंजाब की कानून- व्यवस्था के साथ ही बाबा साहब की मूर्ति को तोड़ने के दुस्साहस को शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल को इस कृत्य के लिए देशभर लोगों से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि देश में अनुसूचित जाति का अपमान दिल्ली नहीं सहेगी।

वहीं, दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि श्री इतने हताश हैं कि वह अपनी सत्ता बचाने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं। इस दौरान दिल्ली बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चा प्रभारी भूपेंद्र गोठवाल, अध्यक्ष मोहनलाल गिहारा, वरिष्ठ नेता सुमित भसीन और परिक्षीत डागरभी उपस्थित थे।

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