संवाददाताः संतोष कुमार दुबे

दिल्लीः बीजेपी ने चुनावी हलफनामे को लेकर दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर हमला बोला है। बीजेपी ने चुनावी हलाफनामे में सिसोदिया की ओर से दायर कर्ज के आंकड़े पर सवाल उठाते हुए उनसे असामान्य आय और कर्ज मिलने के स्रोत को लेकर स्पष्टीकरण देने के मांग की है।

बीजेपी ने कहा,“ आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल हों या श्री सिसोदिया की 2020-21 से 2023-24 के बीच में इनकी असामान्य आय और कर्ज मिलने के स्रोत सब संदिग्ध हैं। हम आरोप नहीं लगा रहे केवल दिल्ली वालों की ओर से स्पष्टीकरण मांग रहे हैं। ”

दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि बीजेपी ने दो दिन पहले जन जिज्ञासा का सवाल उठाया था कि आखिर कैसे मुमकिन है कि एक मुख्यमंत्री अपनी बेसिक आमदनी से भी कम का आयकर रिटर्न दाखिल करता है, लेकिन केजरीवाल ने उस पर जवाब देना जरूरी नही समझा, जवाब दें भी तो कैसे,  क्योंकि वह जानते हैं कि उनके आयकर रिटर्न के आंकड़े संदेह तो उत्पन्न करते हैं और हम आज फिर से केजरीवाल से सवाल पूछते हैं कि आखिर यह कैसे मुमकिन है कि गत दशक में आपके आयकर रिटर्नों  में दिखाई आय आपके मूल वेतन से भी कम है, लेकिन  शराब नीति बनने वाले कोविड़ वर्ष में 40 गुणा बढ़ गई थी?

उन्होंने सिसोदिया पर हमला करते हुये कहा, “आजकल बच्चों की उच्च शिक्षा के लिये मां- बाप द्वारा कर्ज लेना सामान्य बात है, लेकिन सिसोदिया के मामले में यह असामान्य बात है और कई प्रश्न खड़े करता है। साधारणता हम सब बच्चों का शिक्षा कर्ज बैंक से लेते हैं, लेकिन सिसोदिया व्यापारिक लोगों से कर्ज लेते हैं। ”

उन्होंने कहा, “सिसोदिया का चुनाव हलफनामा बहुत कुछ बोलता है, वह बताता है कि सिसोदिया हम आम लोगों की ही तरह फिक्स्ड डिपॉजिट बचत तो बैंक में करते हैं, लेकिन जब कर्ज लेने की जरूरत पड़ती है तो उनके पास ऐसे ऐसे मित्र हैं जो उन्हे लाखों रुपये के कर्ज दे देते हैं, वह भी दीर्घकालीन।”

उन्होंने कहा, “सिसोदिया के रिटर्न अनुसार हर सामान्य नागरिक की ही तरह वह भी सरकारी बैंकों में करना पसंद करते हैं, जैसे बैंक ऑफ बड़ोदा, शकरपुर में उनके पास 14 लाख की फिक्स्ड डिपॉजिट है, तो पंजाब नेशनल बैंक साहिबाबाद में 19 लाख 97 हजार का फिक्स्ड डिपॉजिट है। किसी मध्यम वर्गीय परिवार की ही तरह उनके जमा पूंजी आंकड़े सामान्य हैं, जब हम मनीष सिसोदिया के ऊपर शिक्षा कर्ज का आंकड़ा देखते हैं तो लगता है की यह तो हेर फेर का मामला हो सकता है। ”

उन्होंने कहा कि  सिसोदिया की ओर से दायर हलाफनामा बताता है कि उन पर अपने पुत्र की विदेश शिक्षा का 1.5 करोड़ रुपये का कर्ज है। यहां तक तो सामान्य लगता है, लेकिन इसके बाद सब असामान्य हो जाता है। उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने कर्ज क्यों लिये, किसी सरकारी योजना का भी लाभ ले सकते थे और साथ ही बतायें, वह तो दिल्ली में बड़े विश्वविद्यालयों की बात करते हैं, तो फिर पुत्र  को विदेश पढ़ने क्यों भेजा। हमे विदेश में पढ़ने पर आपत्ति नहीं, केवल जिज्ञासा प्रश्न है। ”

उन्होंने कहा, “ हम और आप बच्चों का शिक्षा का दीर्घकालीन कर्ज बैंक से लेते हैं।  सिसोदिया को उनके तीन परिचित 1.5 करोड़ का कर्ज देते हैं।  वह कभी शराब नीति के दौर में यह असामान्य है और श्री सिसोदिया से जनता जवाब मांगती
है। ”
भाजपा नेता ने कहा कि दिल्ली की जनता जानना चाहती है कि श्री सिसोदिया के वह तीन मित्र रोमेश चंद मित्तल, मिस दीपाली और श्री गुणित अरोड़ा कौन हैं, जिन्होंने 86 लाख, 10 लाख और 58 लाख रुपये श्री सिसोदिया को उनके पुत्र की पढ़ाई के लिये कर्ज दिया। ”
इस दौरान अधिवक्ता एवं सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा  कि श्री केजरीवाल एवं श्री सिसोदिया पारदर्शिता की राजनीति की बात करते हैं, लेकिन उनके चुनाव हलाफनामे उन्हे कटघरे में खड़ा करते हैं।

उन्होंनिे कहा कि सिसोदिया को बताना होगा कि उन्होने बैंकों छोड़कर निजी व्यक्तियों से कर्ज क्यों लिया और यह उनके तीन ‘कर्ज मित्र’ कौन हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here