संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार का चुनावी बिगुल बज गया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा कर दी। चुनाव आयोग के मुताबिक दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर सिंगल फेज में 05 फरवरी को वोटिंग होगी। रिजल्ट 08 फरवरी को आएंगे।
इस तरह से तारीखों की घोषणा के दिन से रिजल्ट तक दिल्ली चुनाव की प्रक्रिया 33 दिन में पूरी हो जाएगी। 2015 और 2020 के मुकाबले इस बार चुनाव और रिजल्ट की घोषणा एक हफ्ते पहले हो रही है।
CEC राजीव कुमार डेढ़ घंटे की पीसी में सिर्फ 10 मिनट दिल्ली चुनाव पर बोले। एक घंटे से ज्यादा वक्त तक उन्होंने EVM, वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और खास वर्ग के वोटर्स का नाम हटाने जैसे आरोपों का जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि चुनाव में चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाना गलत ट्रेंड है। इससे युवा वोटर्स पर असर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट भी EVM पर सवाल उठाने वालों को खारिज कर चुका है।
आइए एक नजर डालते हैं कि चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने क्या जवाबः
आपको बता दें कि दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी ने 29 दिसंबर 2024 को दावा किया था कि नई दिल्ली विधानसभा सीट में 05 हजार से ज्यादा लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए। ये सभी AAP समर्थक थे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस ने मतदाता सूची को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। पार्टी ने कहा था कि हर निर्वाचन क्षेत्र में 10,000 से ज्यादा मतदाता मनमाने ढंग से जोड़े या हटाए गए हैं।
आपको बता दें कि अक्टूबर 2024 में कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में EVM हैक होने का दावा किया था। इससे पहले केजरीवाल ने 2017 में कहा था कि मैं आईआईटी से पढ़ा इंजीनियर हूं और मैं ईवीएम से छेड़छाड़ के 10 तरीके बता सकता हूं। इसके बाद से समय-समय पर कई विपक्षी नेता EVM हैक होने का दावा करते रहते हैं।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दो फेज की वोटिंग के बाद 30 अप्रैल को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया था कि वोटिंग प्रतिशत का आंकड़ा 24 घंटों के भीतर जारी किया जाता है, लेकिन इसमें देरी होती है। साथ ही वोटर टर्नआउट में बढ़ोतरी भी देखने को मिलती है। यही आरोप टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी लगाए थे।
आपको बता दें कि केंद्र ने 20 दिसंबर को पोलिंग स्टेशन के CCTV, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि सरकार चुनावी जानकारी छिपाना चाहती है। यह सरकार की सोची समझी साजिश है। इसके बाद 24 दिसंबर को कांग्रेस ने चुनाव से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स पब्लिक करने से रोकने के नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के अधिकारियों ने 11 नवंबर को यवतमाल और 12 नवंबर को उस्मानाबाद में उद्धव ठाकरे का बैग चेक किया था। चुनाव आयोग की इस कार्रवाई पर उद्धव नाराज हो गए थे। उन्होंने कहा था कि आपने मेरे बैग की जांच की, कोई बात नहीं, लेकिन मोदी और शाह के बैग की भी जांच होनी चाहिए।
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है। इसके अलावा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। 2020 के विधानसभा चुनावों की घोषणा 6 जनवरी को हुई थी। विधानसभा की सभी 70 सीटों पर 8 फरवरी 2020 को सिंगल फेज में वोटिंग हुई थी और 11 फरवरी को नतीजे घोषित हुए थे।
आम आदमी पार्टी (AAP) को 2020 में 53.57% वोट के साथ 62 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी को 08 सीटों सहित कुल 38.51% वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस को 4.26% वोट मिले थे, लेकिन पार्टी अपना खाता खोलने में भी नाकाम रही थी। 2015 के चुनाव में भी कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी।
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