संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः बीजेपी नेता एवं सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और AAP पर यहां के देहात क्षेत्र के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दिल्ली के देहात क्षेत्र के विकास के मुद्दे पर केजरीवाल को बहस करने की चुनौती दी है।
बिधूड़ी ने सोमवार को यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल को दिल्ली देहात के मुद्दे पर कहीं भी बहस करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, “ अगर केजरीवाल अपने आरोपों को सही साबित कर दें, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। केजरीवाल का केंद्र सरकार पर आरोप लगाना ठीक उसी तरह है, जैसे ‘चोर कोतवाल को डांटे। ”
बीजेपी सांसद ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली देहात और किसानों के हित में कोई काम नहीं किया। यहां तक कि उन्होंने जो वादे किये, उन्हें भी पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि गांवों की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को अपना प्रारूप योजना जमा करने को कहा गया था। इसके बाद दिल्ली सरकार को सैकड़ों प्रारूप योजना सौंपी गयी, लेकिन इस बीच केजरीवाल की पार्टी सत्ता में आ गयी और आज तक उस फैसले को लागू नहीं किया गया।
उन्होंंने कहा कि केजरीवाल और मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी ने वादा किया था कि दिल्ली के ग्रामीण इलाकों का गृह कर माफ किया जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गयी थी, उन्हें वैकल्पिक आवासीय भूखंड दिये गये, लेकिन केजरीवाल सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया। इसी तरह किसानों के वारिसों के नाम दाखिल खारिज पर भी रोक लगा दी गयी, जिसे हाल ही में भाजपा सांसदों के अनुरोध पर उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने शुरू किया है।
बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के किसानों को उनकी फसलों पर 50 फीसदी अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिया जायेगा, लेकिन उन्होंने यह वादा भी पूरा नहीं किया। किसानों को सिंचाई के लिये मुफ्त बिजली देने का वादा किया गया था, लेकिन उनसे बिजली की व्यावसायिक दरें वसूली जा रही हैं। दिल्ली सरकार को 20 सूत्री कार्यक्रम के तहत जिन भूमिहीन किसानों को जमीन दी गई थी, उन्हें मालिकाना हक देना था, लेकिन यह सरकार उस फैसले को भी दबाती रही। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने किसानों को कृषि उपकरणों पर सब्सिडी देने का अपना वादा पूरा नहीं किया और ट्रैक्टर जैसे आवश्यक उपकरणों को भी कमर्शियल घोषित कर दिया।
उन्होंने कहा कि धारा 81-ए और 33-ए को खत्म करने का फैसला भी दिल्ली सरकार के स्तर पर लिया जा सकता था, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसे भी लागू नहीं किया। चूंकि गांवों को शहरीकृत घोषित करने का फैसला नहीं लिया गया, इसलिए ये धाराएं लागू रहीं और इस कारण जीडीए नीति और लैंड पूलिंग नीति लागू नहीं हो सकी।
बीजेपी नेता ने कहा कि श्री केजरीवाल और उनकी पार्टी ने न केवल दिल्ली के ग्रामीण इलाकों के साथ सौतेला व्यवहार किया है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा किसानों के लिये घोषित जनकल्याणकारी योजनाओं को भी लागू नहीं होने दिया है। यह किसानों के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार है। दिल्ली के ग्रामीण इलाकों की जनता श्री केजरीवाल के झूठ और छल को अच्छी तरह समझ चुकी है और आगामी चुनावों में उन्हें इसका सबक सिखायेगी।