दिल्लीः इस समय पूरे उत्तर भारत में सर्दी ने सितम बरपा रखा है। ठंड और घने कोहरे की वजह से लोगों का घरों से निकलना दुश्वार हो गया है। जम्मू-कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्स घने कोहरे और भीषण ठंड की चपेट में है। कोहरे और ठंड ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी उत्तर भारत के कई हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा। इसके चलते उत्तर भारत के कई राज्यों में यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ के चलते छह जनवरी तक राजधानी दिल्ली में तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना है।

दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार की रात से ही ठिठुरन के बीच घना कोहरा भी छाया हुआ है। इससे कई इलाकों में विजिबिलिटी जीरो हो गई है। सड़कों पर थोड़ी सी दूर का कुछ नहीं दिख रहा है। दिल्ली के पालम सहित कई इलाकों में घना कोहरा छाया हुआ है, दृश्यता शून्य रह गई है।

इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से शुक्रवार को संचालित होने वाली 100 से ज्यादा विमान देरी का शिकार हुई। रनवे पर दृश्यता घटने की वजह से लो विजिबिलिटी प्रोसीजर लागू कर विमानों की आवाजाही कराई गई। इससे अन्य विमानों के संचालन में देरी हुई और यात्रियों को एयरपोर्ट के टर्मिनल पर विमानों के इंतजार में परेशान होना पड़ा।

कोहरे के कारण उत्तर भारत की 150 से अधिक ट्रेन देरी का शिकार हुई। इसमें दिल्ली पहुंचने वाली 41 से अधिक ट्रेन परिवर्तित समय से रवाना की गई। देरी से चलने वाली ट्रेन में मुख्य रूप से महाबोधी एक्सप्रेस दो घंटे से अधिक, नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ सात घंटे से अधिक, पूरबिया एक्सप्रेस 4 घंटे से अधिक, विक्रमशिला 3 घंटे से अधिक देरी से संचालित हुई।

इसी तरह महाकौशल, गोमती, अमृतभारत, हावड़ा राजधानी, सियालदाह राजधानी, वंदे भारत, कैफियात, मगध, कानपुर शताब्दी, भी देरी से चली। उत्तर भारत में चलने वाली ट्रेन के साथ ही दक्षिण भारत की तरफ आवाजाही करने वाली लंबी दूरी की ट्रेन भी कोहरे की गिरफ्त में आ रही है। इनमें कर्नाटक एक्सप्रेस, केरल एक्सप्रेस समेत कई ट्रेन शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश में भी ठंड का प्रकोप छाया है। यहां अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल रविवार तक, दिन और रात के तापमान में आंशिक बढ़त के बाद सोमवार के बाद ठंड में फिर से इजाफा होगा। इसकी वजह एक और नया विकसित हो रहा पश्चिमी विक्षोभ बताया जा रहा है। तापमान में उतार चढ़ाव के बीच सोमवार को पश्चिमी यूपी के कुछ हिस्सों और एनसीआर में बूंदाबांदी के आसार हैं।

राजस्थान में इस बार मकर संक्रांति पर बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने अगले दो सप्ताह के लिए जो पूर्वानुमान जारी किए हैं उनके अनुसार 16 जनवरी तक प्रदेश में बारिश हो सकती है। प्रदेश में 4 से 5 जनवरी के बीच एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा जिसके प्रभाव से 3 से 9 जनवरी तक बीकानेर संभाग में हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, 10 जनवरी से 16 जनवरी तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक बरसात होने की चेतावनी जारी की गई है। हालांकि, इस दौरान अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर के आस-पास ही बना रहेगा।

केद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड जारी है। चिल्ले कलां के बीच कश्मीर घाटी में नए साल की पहली बर्फबारी हुई। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार, चार से छह जनवरी के बीच जम्मू-कश्मीर में मध्यम से तेज हवाएं चलने की संभावना है। अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हो सकती है। उधर, कश्मीर घाटी के कई जिलों में रात का पारा माइनस में चल रहा है। कश्मीर घाटी और लद्दाख को जोड़ने वाले जोजिला माउंटेन पास को दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है। ताजा बर्फबारी के बाद इस रास्ते को बंद किया गया है। जम्मू कश्मीर में बारामुला का गुलमर्ग इलाका पूरी तरह से बर्फ से ढक गया है।

श्रीनगर के मौसम विज्ञान केंद्र पांच और छह जनवरी को भी भारी बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई संपर्क मार्ग प्रभावित हो सकते हैं। इसके साथ हवाई और रेल सेवाएं बाधित हो सकती हैं। प्रशासन को आगामी मौसम को देखते हुए सभी जरूरी आपात प्रबंध सुनिश्चित बनाने को कहा गया है।

‘ठंडा दिन’ तब माना जाता है, जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है। इसके अलावा उच्चतम या न्यूनतम तापमान किसी विशिष्ट अवधि के लिए सामान्य माने जाने वाले तापमान से कम से कम 4.5 डिग्री कम होता है।

मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू – कश्मीर और लद्दाख में जनवरी माह के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। यह एलपीए के 122 फीसदी से अधिक हो सकती है। 1971से 2020 के दौरान उत्तर भारत में जनवरी में बारिश का एलपीए लगभग 49.0 मिमी है। इसके अलावा जनवरी के दौरान पूरे देश में भी सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। यह दीर्घकालीन औसत से 118 फीसदी ज्यादा हो सकती है। जनवरी के दौरान पूरे देश में बारिश का एलपीए लगभग 17.1 मिमी है। उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर तथा मध्य भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

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