दिल्लीः टेस्ट में खराब फॉर्म से जूझ रहे टीम इंडिया के कप्तान को लेकर सवाल उठ रहे हैं। उनके रिटार्यमेंट की बातें कही जा रही है। इसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे पांचवें टेस्ट में रोहित शर्मा नहीं खेलनाहैं। ऐसे में रोहित ने अपने रिटार्यमेंट को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दिया है।

रोहित शर्मा ने शनिवार को ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा कि मैंने रिटायरमेंट नहीं लिया है। उन्होंने कहा, “सिडनी टेस्ट में खराब फॉर्म के चलते खुद को ड्रॉप किया। यह फैसला लेना मुश्किल था, लेकिन टीम के हित में फैसला लिया। टीम में किसे रहना है या नहीं, यह फैसला हमारा है। दूसरा कोई नहीं तय कर सकता।”

आपको बता दें कि सिडनी टेस्ट में भारत की कप्तानी जसप्रीत बुमराह कर रहे हैं। कप्तान रोहित शर्मा ने खुद को इस मैच से ड्रॉप कर दिया, वह पांचवां टेस्ट नहीं खेल रहे। उनकी जगह शुभमन गिल को मौका मिला है।

रोहित शर्मा ने कहा, “चार-पांच महीने पहले मेरी कैप्टेंसी और मेरे आइडियाज खूब काम आए। अचानक से ये चीजें खराब कही जाने लगीं। आज रन नहीं बन रहे हैं, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आप भविष्य में रन नहीं बना पाएंगे।”

उन्होंने कहा कि माइक, पेन या लैपटॉप वाले लोग के बोलने से जीवन नहीं बदलेगा। वे यह तय नहीं कर सकते कि मुझे कब संन्यास लेना चाहिए, कब बाहर बैठना चाहिए, कब कप्तानी करनी चाहिए। मैं एक समझदार आदमी हूं, दो बच्चों का पिता हूं। इसलिए मुझे पता है कि कब क्या करना है।

उन्होंने कहा कि कोच और सिलेक्टर के साथ मेरी बातचीत बहुत सिंपल थी। मुझसे रन नहीं बन रहे थे, फॉर्म में नहीं हूं और यह एक महत्वपूर्ण मैच है इसलिए हमें फॉर्म में रहने वाले खिलाड़ियों की जरूरत है। यह सरल पहलू मेरे दिमाग में चल रहा था। इसलिए मुझे लगा कि मुझे कोच और सिलेक्टर को यह बताना चाहिए कि मैं इस तरह से सोच रहा हूं। उन्होंने मेरे फैसले का समर्थन किया।

रोहित ने कहा कि आप इतने सालों से खेल रहे हैं, आप जानते हैं कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। मेरे लिए यह एक कठिन फैसला था, लेकिन यह एक समझदारी भरा निर्णय भी था। मैं बहुत आगे के बारे में नहीं सोचना चाहता था। अभी इस समय केवल यही सोचना था कि टीम को क्या चाहिए।

उन्होंने कहा कि सिडनी टेस्ट से बाहर रहने का फैसला मैंने यहां पहुंचने के बाद ही ले लिया था। क्योंकि मेलबर्न टेस्ट के बाद टाइम कम (तीन दिन का गैप) था। उसमें भी एक दिन नया साल था। मैं नए साल पर कोच और सिलेक्टर को इस फैसले के बारे में नहीं बताना चाहता था। लेकिन मेरे दिमाग में यह चल रहा था कि मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं लेकिन परफॉर्म नहीं हो रहा।

टीम इंडिया के कप्तान ने कहा कि हमने क्रिकेट में यह बहुत बार देखा है कि हर मिनट, हर सेकंड, हर रोज जिंदगी बदलती है। इसलिए मुझे खुद पर विश्वास है कि चीजें बदलेंगी।

हीट मैन रोहित ने कहा कि मैं इतनी दूर से आया हूं। क्या मैं बाहर बैठने आया हूँ? मैं अपनी टीम के लिए खेलना और मैच जीतना चाहता हूं। 2007 में जब मैं पहली बार ड्रेसिंग रूम में आया था, तब से यही चल रहा है, मुझे अपनी टीम के लिए मैच जीतना है। कभी-कभी आपको यह समझने की जरूरत होती है कि टीम को क्या चाहिए। अगर आप टीम को आगे नहीं रखते हैं, तो इसका कोई फायदा नहीं है।”

आपको बता दें कि टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में फ्लॉप रहे हैं। वे 3 टेस्ट की 5 पारियों में महज 31 रन ही बना सके हैं। उनका एवरेज 6.20 का रहा है। वे साल 2024 में 24.76 के एवरेज से महज 131 रन ही बना सके हैं।

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