दिल्लीः नए साल में जनवरी के अंत में बीजेपी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। नये अध्यक्ष को लेकर पार्टी के दिल्ली मुख्यालय में लगातार बैठकें हो रही हैं। इन बैठकों पर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ समेत कई दिग्गज नेता नजर रखे हुए हैं।
वहीं बीजेपी नेता पीटी कुंजांग ने कहा कि 15 जनवरी तक राज्य और जिला अध्यक्षों के चुनाव पूरे होंगे। इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी और जनवरी के अंत या फरवरी के पहले हफ्ते में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी।
बीजेपी की नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में रविवार को संगठन चुनाव को लेकर अहम बैठक हुई। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, सभी महासचिव, सभी प्रदेश अध्यक्ष और सभी प्रदेश महासचिवों के साथ-साथ संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया के प्रमुख और सह प्रमुख शामिल हुए। बैठक के बाद कुंजांग ने बताया कि बैठक में संगठन की चुनाव प्रक्रिया के सभी पहलुओं पर चर्चा हुई।
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और झारखंड को 15 जनवरी तक नए अध्यक्ष मिल सकते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 2023 में खत्म हो चुका है। हालांकि लोकसभा और कई राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। नड्डा जनवरी 2020 में पार्टी के अध्यक्ष बनाए गए थे। भाजपा के संविधान के अनुसार, कोई व्यक्ति अधिकतम दो कार्यकाल तक लगातार अध्यक्ष रह सकता है। साथ ही नड्डा केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी शामिल किए गए हैं, ऐसे में उनका फिर से अध्यक्ष बनने की उम्मीद खत्म हो गई है।
कुंजांग ने बताया कि पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को पूरे एक साल तक मनाने का फैसला किया है। इस साल उन्होंने 100 साल पूरे किए हैं। इस खास मौके को यादगार बनाने के लिए बीजेपी उनकी जयंती को पूरे एक साल तक सुशासन पर्व के तौर पर मनाएगी। उन्होंने कहा कि यह भी फैसला लिया गया कि पार्टी कांग्रेस के बीआर आंबेडकर के अपमान के आरोप के जवाब में संविधान पर्व भी मनाएगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार पार्टी की कमान ओबीसी नेता के हाथ में जाने की ज्यादा उम्मीद है। आपको बता दें कि संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर का मुद्दा इन दिन गरमाया हुआ है। डॉ. अंबेडर के मुद्दे पर देशभर में जबरदस्त राजनीति हो रही है। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी इस बार किसी दलित नेता को अपना अध्यक्ष बना सकती है। इस बात की संभावना इस वजह से भी प्रबल है, क्योंकि मौजूदा समय में कांग्रेस का अध्यक्ष दलित है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दलित समाज से आते हैं।
कांग्रेस इन दिनों लगातार बीजेपी को दलित विरोधी बता रही है। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन में शामिल घटक दलों ने 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान और आरक्षण खतरे में हैं को जोरशोर से प्रचार किया था और बीजेपी को दलित विरोधी बताया था, जिसका फायदा लोकसभा चुनाव में इन दलों को मिला। बीआर अंडकर को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से दिये गये बयान को भी कांग्रेस ने मुद्दा बनाया है। ऐसे में बीजेपी इन दलों को जवाब देने के लिए किसी दलित नेता को अपना अध्यक्ष बना सकती है।
आपको बता दें कि मौजूदा समय में संगठन पर मजबूत पकड़ और आरएसएस के समर्थन वाले ओबीसी नेता को लेक पार्टी के पास ज्यादा विकल्प नहीं है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी केंद्रीय अर्जुनराम मेघवाल, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम और यूपी सरकार में मंत्री बेनी रानी मौर्य में से किसी अध्यक्ष बना सकता है। वैसे पार्टी का कहना है कि बीजेपी के नये अध्यक्ष का चयन हैरान कर देने वाला होगा।
वैसे मीडिया में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, शिवराज सिंह चौहान, भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान और पार्टी महासचिव विनोद तावड़े के नाम की भी चर्चा है।
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